नई दिल्ली, में व्याप्त भ्रष्टाचार की बीमारी की रोकथाम के लिए सरकार ने कड़े कदम उठाए हैं। उसने केंद्र सरकार के सभी कर्मचारियों को पिछले दो वर्षों के दौरान अर्जित संपत्तियों और देनदारियों का ब्योरा अनिवार्य रूप से 15 अप्रैल तक दाखिल करने का निर्देश दिया है। इस ब्योरे में कर्मचारियों द्वारा पत्नी और आश्रित बच्चों के नाम खरीदी गई संपत्ति भी शामिल होगी।
लोकपाल कानून के अंतर्गत संपत्ति की घोषणा करना अनिवार्य है। इस बारे में कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) ने केंद्र सरकार के सभी विभागीय सचिवों को हाल में पत्र भेजा है। इसमें कहा गया है कि विभागीय सचिव अपने अधीनस्थ कार्यरत कर्मचारियों की संपत्तियों का ब्योरा दाखिल कराना सुनिश्चित करें। पत्र के अनुसार, सभी कर्मचारियों द्वारा 2014 और 2015 के लिए ब्योरे की घोषणा 15 अप्रैल, 2016 तक करना अनिवार्य है। मौजूदा वर्ष की संपत्तियों के लिए उन्हें अलग से 31 जुलाई तक ब्योरा देना होगा।
सरकार के इस नए कदम से करीब 50 लाख केंद्रीय कर्मचारी प्रभावित होंगे। इसके तहत अन्य चीजों के अलावा हर कर्मचारी को विदेशी बैंक खातों में जमा धनराशि, महंगी पेंटिंग्स, पुरानी वस्तुओं, फर्नीचर, इलेक्ट्रानिक उपकरण, चल संपत्ति, बीमा, बांड, शेयर और म्युचुअल फंड की खरीद का भी ब्योरा देना होगा। डीओपीटी ने अपने पत्र में स्पष्ट कर दिया है कि संपत्ति का ब्योरा देने की तारीख में कोई बढ़ोतरी नहीं की जाएगी, लिहाजा हर कर्मचारी अनिवार्य रूप से 15 अप्रैल तक पिछले दो वर्ष के दौरान अर्जित संपत्ति का ब्योरा जमा कर दें।