सहारनपुर, उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में हो रहा पिछले 20 दिनों से बवाल थमने का नाम ही नहीं ले रहा है। मंगलवार को उपद्रवियों ने जिले के चार चौराहों पर जाम लगा दिया और जमकर बवाल काटा। ग्राम शब्बीरपुर और सड़क दूधली के सम्बध में होने वाली दलित महापंचायत को लेकर जिले के कई इलाकों में पथराव, आगजनी और गोलीबारी हुई और 20 से अधिक वाहनों को आग के हवाले कर दिया गया। उपद्रवियों द्वारा एक पुलिस चौकी में भी आग लगा दी गई।
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मामले को संज्ञान में लेते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कैबिनेट बैठक में डीजीपी सुलखान सिंह और प्रमुख गृह सचिव देवाशीष पांडा से जवाब-तलब किया। इसके बाद सहारनपुर के दो एडिशनल एसपी को वहां से हटा दिया। सहारनपुर के रामनगर गांव में हुई हिंसा के आरोपी 22 लोगों को पुलिस ने अब तक गिरफ्तार किया है जबकि 70 आरोपियों को नामजद किया गया है। पुलिस उप महानिरीक्षक जे के शाही ने बताया कि कल हिंसा करने वाले अब 22 बवालियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है तथा 70 आरोपियों को नामजद किया गया है।
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10 मुकदमें अभी तक दर्ज हुए हैं। क्षेत्र में स्थिति तनावपूर्ण मगर नियन्त्रण में है। प्रभावित इलाके में पांच अपर पुलिस अधीक्षक, छह उपाधीक्षक और 14 थानाध्यक्षों तैनात किये गये हैं। बता दें पिछले शुक्रवार को सहारनपुर के बडगांव में महाराणा प्रताप की जयंती के जुलूस को लेकर बवाल हो गया था। इस हिंसा के दौरान हुए पथराव में एक एक युवक की मौत हो गई थी जबकि आधा दर्जन से ज्यादा लोग घायल हैं।
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मरने वाले की शिनाख्त सुमित पुत्र ब्रह्मसिंह के रूप में हुई थी। इसी घटना को लेकर एक समुदाय ने आज पंचायत बुलाई थी जिसे प्रशासन ने मंजूरी नहीं दी। जिसके बाद भीम आर्मी और अन्य दलित संगठनों ने थाना सदर बाजार के मल्हीपुर रोड और चिलकाना के हलालपुर में जाम लगा दिया और जमकर उत्पात मचाया।
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जाम हटाने पहुंची पुलिस पर भी उपद्रवियों ने हमला कर दिया। पत्थरबाजी में सीओ सिटी किसी तरह अपनी जान बचाकर भागे। क्या है पूरा मामला? बता दें कि बडगांव के सबीरपुर गांव में महाराणा प्रताप की जयंती के उपलक्ष्य में शोभायात्रा निकाली जा रही थी कि तभी दलितों ने पथराव कर दिया।
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इससे तनाव बढ़ गया और दूसरे पक्ष के लोगों ने दलितों के घरों में आग लगा दी। इस दौरान दोनों पक्षों के बीच जमकर पथराव हुआ। इसके बाद मामला इतना बढ़ गया कि फायरिंग भी शुरू हो गई।
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