सुम्बुल तौकीर को बेहतरीन अभिनेत्री मानते हैं वरूण बडोला

मुंबई, बॉलीवुड के जानेमाने अभिनेता वरूण बडोला अभिनेत्री सुम्बुल तौकीर को बेहतरीन अभिनेत्री मानते हैं।

सोनी सब अपने अगले पारिवारिक इमोशनल ड्रामा, इत्ती सी खुशी” के लिए तैयार है। यह शो रोजमर्रा के संघर्ष, अनकहे बलिदानों और बिना शोर के जीतने वाले प्रेम और साहस की कहानी को बेहद सच्चाई और कोमलता से दर्शाता है।इस शो में, वरुण बडोला, अन्विता (सुम्बुल तौकीर) और उसके भाई-बहनों के पिता, सुहास दिवेकर की भूमिका में नजर आयेगे , जो शराब का आदी हैं और भावनात्मक रूप से अलग-थलग हैं।

वरूण बडोला ने संवाद एजेंसी ‘यूनीवार्ता’ साथ विशेष बातचीत में शो इत्ती सी खुशी में सुम्बुल तौकीर के साथ काम करने के बारे में बताया। वरूण बडोला ने बताया आज के दौर में टीवी पर जो नवोदित कलाकार हैं, उनमें काफी समझ होती है। सुम्बुल बेहतरीन अभिनेत्री है। चार पांच साल पहले सुम्बुल ने शो इमली में बेहतरीन काम किया था। उस समय शायद सुम्बुल 16-17 वर्ष की रही होगी।

कुछ चीजें ऐसी होती है जो उम्र के साथ ही आती है, उसको पहले हासिल नहीं किया जा सकता है।जिस तरह से सुम्बुल ग्रो कर रही है, वह आगे चलकर बहुत बेहतरीन अभिनेत्री बनेगी। ऐसा नहीं है कि सुम्बुल अभी अच्छी अभिनेत्री नहीं है। आज सुम्बुल की जो उम्र है उसके हिसाब से काफी अच्छा काम कर रही है। यदि सुम्बुल आज इतनी अच्छी अभिनेत्री है तो आज से 15 साल बाद वह अलग ही लेवल की अभिनेत्री होगी।

वरूण बडोला ने बताया, जब उन्होंने इत्ती सी खुशी की कहानी सुनी तो उन्हें सुहास का किरदार उतना पसंद नहीं आया। उन्होंने कहा,सुहास का किरदार मुझे इरिटेट करने वाला लगाया। यदि सुहास सिर्फ एक असफल पिता और शराबी होता, तो उसे निभाना आसान होता। लेकिन इस किरदार में एक अजीब सी मासूमियत और प्यारा व्यक्तित्व भी है, जो उसे नकारात्मक नहीं बनने देता। मुझे उसे निभाने के लिए सबसे पहले एक अभिनेता के तौर पर भीतर ही भीतर उसे माफ़ करना पड़ा। यह मेरे करियर की सबसे चुनौतीपूर्ण भूमिकाओं में से एक है। हर सीन में भावनात्मक उथल-पुथल थी ,कहीं नफ़रत, कहीं सहानुभूति, और कहीं उसके टूटे हुए अस्तित्व के प्रति समझ।मुझे जो ब्रीफ मिला, उसमें साफ कहा गया था कि सुहास चाहे जैसा भी बर्ताव करे, वो हमेशा प्यारा बना रहना चाहिए। असली चुनौती वहीं थी और वहीं से ये किरदार रोमांचक बन गया। एक ज़रा सी चूक और वो नेगेटिव लग सकता था। उसे प्यारा बनाए रखने के लिए, आपको उसे वैसे ही स्वीकार करना पड़ता है जैसा वो है। यह किरदार बहुत ही विविध है और ऐसा कुछ है जो दर्शकों ने पहले कभी टेलीविज़न पर नहीं देखा होगा।

महेश भट्ट की फिल्म डैडी में एक पिता-बेटी के रिश्ते को दिखाया गया है, जहां बेटी अपने पिता को शराब की लत से मुक्त कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। इस फिल्म में अनुपम खेर ने पिता जबकि पूजा भट्ट ने बेटी की भूमिका निभायी है। इत्ती सी खुशी और फिल्म डैडी में समानता के बारे में पूछे जाने पर वरूण बडोला ने बताया कि दोनों में कोई समानता नहीं है। फिल्म ,टीवी और ओटीटी में अंतर के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि आज के समय में ओटीटी बहुत बड़ा विकल्प बनकर उभरा है। उन्होंने कहा कि कई कलाकार ऐसे हैं, जिनका फिल्मों में अच्छा इस्तेमाल नहीं हो रहा था। टीवी वह करना नहीं चाहते थे। ओटीटी में उन्होंने अपनी जगह बनायी। ओटीटी स्टार की प्रधानता को बहुत ज्यादा तव्वजो नहीं देता है। एक अच्छा अभिनेता भी ओटीटी पर मेन लीड हो सकता है। उसके अपने कंधे पर 200 करोड़ नहीं कमाने होते। ओटीटी का आना अच्छी बात है।

रोज़ ऑडियो विज़ुअल्स द्वारा निर्मित शो इत्ती सी खुशी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रशंसित सीरीज़ ‘शेमलेस’ का भारतीय रूपांतरण है। यह शो 18 अगस्त से सोनी सब पर शुरू होगा।

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