नयी दिल्ली, कांग्रेस ने कहा है कि हिंडनबर्ग की दूसरी रिपोर्ट से साफ हो गया है कि शेयरों में गड़बड़ी हुई थी और अडानी पर हेराफेरी का आरोप लगा है इसलिए सेबी के बजाय जेपीसी से इसकी जांच कराई जानी चाहिए।
कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने रविवार को पार्टी मुख्यालय में संवाददाता सम्मेलन में कहा कि हिंडनबर्ग की पहली रिपोर्ट में लगे आरोपों की प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड(सेबी) प्रमुख माधुरी बुच के नेतृत्व में जांच चल रही थी,लेकिन दूसरी रिपोर्ट में हिंडनबर्ग ने कहा है कि जिस मामले की जांच की जा रही है उसमें खुद श्रीमती बुच का निवेश है। कांग्रेस ने कहा कि जब सैंया कोतवाल तो जांच निष्पक्ष नहीं हो सकती इसलिए इस मामले की सेबी से नहीं संयुक्त संसदीय समिति(जेपीसी) से जांच करने की मांग की है।
प्रवक्ता ने कहा “हिंडनबर्ग के आरोप है कि कैसे ऑफशोर फंडिंग से स्टॉक मैन्युपुलेशन होता था और राउंड ट्रिपिंग की जाती थी। इन मामलों की जांच सेबी को सौंपी गई क्योंकि मार्केट को रेगुलेट करने का काम सेबी करता है लेकिन अब हिंडनबर्ग की नई रिपोर्ट से पता चला है कि सेबी चीफ माधबी बुच और उनके पति धवल बुच उन्हीं बरमूडा/मॉरीशस फंड में निवेश कर रहे थे जिनके साथ गौतम अडानी के भाई विनोद अडानी का संबंध था।हिंडनबर्ग की नई रिपोर्ट में बताया गया है कि माधबी बुच का अडानी ग्रुप से जुड़े ऑफशोर फंड में निवेश था। माधबी बुच ने सेबी चीफ बनने पर अपने शेयर अपने पति धवल बुच को ट्रांसफर कर दिए थे।”
प्रवक्ता ने रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा ‘माधबी बुच और धवल बुच ने 5 जून 2015 को सिंगापुर में आईपीई प्लस फंड 1 के साथ खाता खोला था। ये आईपीई प्लस फंड 1, अडानी समूह के एक डायरेक्टर ने आईआईएफएल के माध्यम से खोला था और आईआईएफएल की ओर से एक घोषणा में उनके निवेशक सोर्स को सैलरी बताया गया है और उनकी कुल संपत्ति 10 मिलियन डॉलर आंकी गई। रिसर्च रिपोर्ट में सेबी चेयरपर्सन माधबी बुच के अलावा अगोरा और ब्लैक स्टोन का जिक्र है। ये दोनों अहम किरदार है।”
श्रीमती श्रीनेत ने कहा “रिपोर्ट के अनुसार अप्रैल 2017 से मार्च 2022 तक, जब माधबी बुच सेबी में होलटाइम मेंबर और चेयरपर्सन थीं, तब उनके पास एक ऑफशोर सिंगापुरी कंसल्टिंग फर्म में 100 प्रतिशत हिस्सेदारी थी जिसे अगोरा पार्टनर्स कहा जाता था। मार्च 2022 में सेबी चेयरपर्सन बनने पर उन्होंने अपने शेयर पति धवल बुच को ट्रांसफर कर दिए थे। अगोरा पार्टनर्स कंपनी साल 2013 को सिंगापुर में रजिस्टर्ड हुई थी। सेबी चेयरपर्सन माधबी बुच के पास वर्तमान में अगोरा एडवाइजरी नाम की कंपनी में 99 प्रतिशत हिस्सेदारी है। माधबी के पति धवल बुच ही इसके डायरेक्टर हैं। साल 2022 में अगोरा ने 2,61,000 डॉलर का रेवेन्यू कमाया था, जो सेबी चीफ माधबी बुच की सैलरी का करीब साढ़े 4 गुना है।”