नयी दिल्ली, ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित उड़िया भाषा की सुप्रसिद्ध लेखिका प्रतिभा राय ने आज पुस्तक मेले का विषय .मानुषी. रखे जाने पर आयोजकों की सराहना करते हुए कहा कि स्त्री आज मूक नहीं है और वह स्वयं को तमाम माध्यमों से अभिव्यक्त कर रही है। उन्होंने कहा कि पुरुष और नारी लेखन को अलग-अलग करके नहीं देखा जाना चाहिए और साहित्य में जिन लोगों ने भी नारी विषयक लेखन किया है, उन्हें श्नारीवादी समझा जाना चाहिए।
श्रीमती राय ने आज विश्व पुस्तक मेले के उद्घाटन के अवसर पर कहा कि साहित्य में प्राचीन समय से लेकर आज तक जिन लोगों ने भी स्त्री के विषय में लिखा हैए उन्हें वह नारीवादी मानती हैं। पुरुष और नारी लेखन को अलग-अलग करके नहीं देखा जाना चाहिए। इनका स्वतंत्र अस्तित्व नहीं है।
मानव संसाधन विकास राज्यमंत्री महेन्द्र नाथ पांडे ने इस अवसर पर कहा कि पुस्तकें मनुष्य के सुख-दुख की सच्ची साथी हैं और उनके बिना मनुष्य का जीवन सूना है। उन्होंने पुस्तकों के महत्व पर जोर देते हुए इन आशकांओं को गलत बताया कि इंटरनेट और मोबाइल फोन जैसी टेक्नोलॉजी के इस युग में पुस्तकें के अस्तित्व को खतरा है। उन्होंने कहा कि पुस्तक पढ़ने के दौरान मनुष्य का चिंतन और मनन चलता रहता है, जिससे यह स्थायी हो जाता है जबकि इंटरनेट पर यह संभव नहीं है ।