नयी दिल्ली, राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने सोमवार को संसद के बजट सत्र के पहले दिन दोनों सदनों के संयुक्त अधिवेशन में स्वाधीनता सेनानियों और स्वतंत्र भारत की विकास यात्रा में योगदान करने वाली विभूतियों को याद किया।
उन्होंने इस अवसर पर गुरु तेगबहादुर, श्रीअरबिंदो, सुभाष चंद्र बोस और बिरसा मुंडा जैसे महापुरुषों के जीवन से जुड़े पुण्य अवसरों को आजादी के अमृत महोत्सव के अवसर पर सरकार द्वारा समारोह पूर्वक मनाए जाने का विशेष रूप से उल्लेख किया।
राष्ट्रपति ने कहा कि अतीत को याद रखना तथा उससे सीख लेना, देश के सुरक्षित भविष्य के लिए बहुत ही जरूरी है।
श्री कोविंद ने कहा,“ मैं देश के उन लाखों स्वाधीनता सेनानियों को नमन करता हूँ, जिन्होंने अपने कर्तव्यों को सर्वोच्च प्राथमिकता दी और भारत को उसके अधिकार दिलाए। आज़ादी के इन 75 वर्षों में देश की विकास यात्रा में अपना योगदान देने वाले सभी महानुभावों का भी मैं श्रद्धापूर्वक स्मरण करता हूँ। ”
उन्होंने कहा कि अमृत महोत्सव के इस कालखंड में देश की महान विभूतियों से जुड़े विशेष अवसर भी सभी देशवासियों को प्रेरणा दे रहे हैं। गुरु तेगबहादुर जी का 400वां प्रकाश पर्व, श्री अरबिन्दो की 150वीं जन्म-जयंती, वी.ओ. चिदम्बरम पिल्लई का 150वां जन्म वर्ष और नेताजी सुभाषचंद्र बोस की 125वीं जन्म-जयंती जैसे पुण्य अवसरों को सरकार पूरी भव्यता के साथ मना रही है। सरकार ने इस वर्ष से, गणतंत्र दिवस समारोह को, नेताजी की जयंती पर, 23 जनवरी से ही मनाने की शुरुआत की है।
उन्होंने कहा कि उनकी सरकार मानती है कि अतीत को याद रखना तथा उससे सीख लेना, देश के सुरक्षित भविष्य के लिए बहुत ही जरूरी है।
राष्ट्रपति ने कहा कि गुरुगोविंद सिंह के चारो ‘साहिबजादों’ के बलिदान की स्मृति में 26 दिसंबर को ‘वीर बाल दिवस’ की घोषणा एवं 14 अगस्त को ‘विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस’ इसी सोच का परिचायक है। उन्होंने कहा कि सरकार ने भगवान बिरसा मुंडा को श्रद्धांजलि स्वरूप, उनके जन्म-दिवस 15 नवंबर को ‘जनजातीय गौरव दिवस’ के रूप में मनाने का भी निर्णय लिया।