आज मुलायम सिंह समाजवादी पार्टी में के लखनऊ प्रदेश मुख्यालय में अपने बेटे अखिलेश पर कई आरोप लगाये. मुलायम सिंह ने पार्टी कार्यकर्ताओं को भी संबोधित किया.
करीब 12 बजे मुलायम सिंह अपने 5 विक्रमादित्य मार्ग से निकले और पार्टी दफ्तर का रूख किया लेकिन दफ्तर में घुसते-घुसते ठिठक गए और गाड़ी मोड़कर शिवपाल के घर जा पंहुचे, करीब 5 मिनट की मीटिंग के बाद मुलायम फिर लाव-लश्कर के साथ पार्टी ऑफिस में घुसे ,जहा सीधे सभागार का रुख किया जहां पहले से ही सैकड़ों समर्थक बैठे थे. वहां मौजूद कार्यकर्ताओं को लगा कि मुलायम शायद कुछ बड़ा ऐलान करेंगे लेकिन मुलायम ने बता दिया कि वो नहीं झुकेंगे.
मुलायम सिंह यादव ने पार्टी कार्यकर्ताओं से कहा कि अखिलेश ने पार्टी से बड़े-बड़े नेताओं को बाहर कर दिया है, बलराम यादव को बर्खास्त कर दिया क्या ग़लती थी बलराम की, मैंने बलराम को जबर्दस्ती मंत्री बनवाया था. मुलायम ने कहा कि ओमप्रकाश और नारद राय को निकाल दिया. अंबिका चौधरी को निकाल दिया, इतने बड़े नेताओं को निकाल दिया क्या ग़लती थी इन सबकी, महिला मंत्री को भी हटा दिया.
उन्होने कहा कि अखिलेश को कई बार मिलने बुलाया लेकिन वह कुछ सुनने को तैयार नहीं, अखिलेश ने जो किया है उससे मैसेज मुसलमान विरोधी गया है. अखिलेश यादव को सुबह से बुलाया था लेकिन नहीं आया. मैने सुबह भी फ़ोन किया था उसको मैं जो भी बात करता हूं उसको रामगोपाल को बता देता है कि हमारी सरकार बनेगी तो अल्पसंख्यक के लिए काम करूंगा.
मुलायम सिंह ने पार्टी कार्यकर्ताओं से कहा कि अखिलेश हमारा बेटा है लेकिन हमको नहीं मालूम था कि वो विरोधियों से मिल जाएगा, अखिलेश राम गोपाल के कहने पर काम करता है. उनके कहने पर ही हमको फ़ोन करता है अब सिंबल ना हमारे हाथ में है ना अखिलेश के हाथ में है.
कई कार्यकर्ताओं ने रोते हुये मुलायम सिंह से पार्टी और सिंबल बचाने की अपील की. मुलायम सिंह ने जैसे ही कहा कि मैंने अपनी ओर से कई कोशिश की और अखिलेश सुनने तक को तैयार नहीं है, अब चुनाव आयोग में हम दोनों आमने-सामने हैं हमें कोई भी फैसला मंजूर होगा, आप से अपील है कि आप हमारा साथ दें. इस पर कई कार्यकर्ता रोने लगे और मुलायम सिंह का विरोध तक कर डाला. मुलायम का ये बोलना था कि कार्यकर्ता खड़े होकर अखिलेश को आशीर्वाद देने की अपील करने लगे लेकिन मुलायम सिंह ने उन्हें चुप कराकर बैठा दिया, कई कार्यकर्ता जो बीच-बीच में बोलते रहे.
मुलायम ने कहा कि एक बार फ़िर आप लोगों से अपने साथ आने का अपील कर रहा हूं, हमने अल्पसंख्यकों के लिए काम किया है. अयोध्या मामले में हमने इनका पक्ष रखा था, अब अखिलेश को सोचना पड़ेगा की अपने पिता का साथ दे या रामगोपाल का, रामगोपाल विरोधियों के कहने पर चल रहा है. मुलायम ने कहा कि हम लोग फ़िर बहुमत की सरकार बनाएंगे और अल्पसंख्यकों का पूरा ध्यान रखा जाएगा.