हाई कोर्ट के जज का आरोप- सुप्रीम कोर्ट में ऊंची जाति के जजों की चलती है

 

Supreme-Court-Judge-Contempt-620x400नई दिल्ली, कलकत्ता हाई कोर्ट के जस्टिस सीएस करनन ने सुप्रीम कोर्ट से अवमानना नोटिस जारी होने के बाद इस कोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल को खत लिखा है। इस खत में कहा गया है कि हाईकोर्ट के सिटिंग जस्टिस के खिलाफ कार्रवाई सुनवाई योग्य नहीं है। जस्टिस करनन ने यह भी कहा कि मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस के रिटायरमेंट के बाद होनी चाहिए। चीफ जस्टिस जे एस खेहर की अगुआई वाले 7 जजों की बेंच पर सवाल उठाते हुए करनन ने उसपर दलित-विरोधी होने का आरोप लगाया और कहा बेंच का झुकाव सवर्णों की ओर है।

जस्टिस करनन ने कुछ दिन पहले प्रधानमंत्री को चिट्ठी लिखकर कई जजों पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाते हुए जांच की मांग की थी। सुप्रीम कोर्ट ने इसे अवमानना मानकर सुनवाई करने का फैसला किया। करनन दलित समुदाय से ताल्लुक रखते हैं। इंडियन जुडिशरी के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ है जब हाईकोर्ट के सिटिंग जज को सुप्रीम कोर्ट के 7 जजों की बेंच ने अवमानना नोटिस जारी किया है। सुप्रीम कोर्ट ने कलकत्ता हाई कोर्ट के जस्टिस सीएस करनन को निर्देश दिया है कि वह 13 फरवरी को कोर्ट के सामने पेश हों। साथ ही उन्हें जूडिशल और ऐडमिनिस्ट्रेटिव काम से भी रोक दिया गया है। करनन ने 4 पेज के खत में लिखा कि उन्होंने कोर्ट में अनियमितता और अनैतिकता का मामला उठाया है। उन्होंने कहा कि इस मामले में 20 जजों के खिलाफ रिप्रजेंटेशन दिया गया था। मेरा मकसद कोर्ट में करप्शन को खत्म करना है। उन्होंने कहा कि हाई कोर्ट के सिटिंग जज के खिलाफ संज्ञान लेते हुए अवमानना नोटिस जारी नहीं किया जा सकता।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button