शिमला, हिमाचल प्रदेश के अगले दो दिन तक बारिश के आसार हैं। मौसम विज्ञान केंद्र ने बुधवार को यह जानकारी दी है। उन्होंने बताया कि पूरे प्रदेश में 7 अक्तूबर तक मौसम साफ बना रहने के आसार हैं। वहीं, आठ व नौ अक्टूबर को मैदानी, मध्य व उच्च पर्वतीय कुछ भागों में बारिश का अनुमान है। दस अक्टूबर को सभी भागों में मौसम साफ रहने का पूर्वानुमान है। उधर, अगले दो दिनों के दौरान राज्य के शेष हिस्सों से मानसून की वापसी के लिए परिस्थितियां अनुकूल बन रही हैं।
राज्य के छह जिलों से कांगड़ा, ऊना, हमीरपुर, बिलासपुर, सोलन और सिरमौर में एक अक्तूबर को मानसून सीजन खत्म हो चुका है, जबकि जिला शिमला के निचले भागों से यह आंशिक रूप से जा चुका है। अब कुल्लू, किन्नौर, लाहौल-स्पीति, चंबा, मंडी और शिमला के ऊपरी क्षेत्रों से इसके दो-तीन दिनों के भीतर विदा होने की संभावना है। पिछले वर्ष भी प्रदेश से तीन अक्टूबर को मानसून विदा हुआ था। इस बार 24 जून को मानसून ने प्रदेश में प्रवेश किया।
शिमला में न्यूनतम तापमान 14.0, सुंदरनगर 15.2, भुंतर 13.4, कल्पा 6.2, धर्मशाला 16.2, ऊना 15.8, नाहन 20.4, केलांग 4.0, पालमपुर 14.0, सोलन 13.5, मनाली 9.3, कांगड़ा 16.7, मंडी 15.6, बिलासपुर 17.6, चंबा 16.2, डलहौजी 15.8, कुफरी 12.9, नारकंडा 10.4, रिकांगपिओ 10.1, पांवटा साहिब 23.0, सराहन 12.0 और देहरागोपीपुर में 21.0 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है।
इस मानसून सीजन में 24 जून से अब तक 503 लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी है। कुल 519 घायल हुए हैं। इनमें से 199 की सड़क हादसों में मौत हो गई। राज्य में 2941 घर पूरी तरह ढह गए हैं। कोई 12302 को आंशिक नुकसान पहुंचा है। इसके अतिरिक्त 421 दुकानों व 7247 गोशालाओं को भी नुकसान हुआ है। मानसून सीजन के दौरान अब तक 9711.95 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हो चुका है। अब तक राज्य में भूस्खलन की 169 और अचानक बाढ़ की 72 घटनाएं सामने आई हैं।