शिमला, हिमाचल प्रदेश में लगातार तीसरे दिन भी बारिश और बर्फबारी का दौर जारी रहने से आम जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया । सैंकड़ों सड़कें , ट्रांसफार्मर और पेयजल आपूर्ति बंद हो गई है।
मौसम विभाग के अनुसार अगले दो दिन पश्चिमी विक्षोभ कुछ कमजोर पड़ेगा लेकिन सात से नौ जनवरी के बीच दोबारा सक्रिय होने की उम्मीद जताई है। इस दौरान चंबा, कांगड़ा, शिमला, कुल्लू, लाहुल स्पीति व किन्नौर जिला में भारी हिमपात होने की संभावना है। ऊना, हमीरपुर, बिलासपुर, सोलन, सिरमौर के कुछ हिस्सों में बारिश होगी।
जनवरी के पहले सप्ताह में हुए भारी हिमपात से सेब सहित गेहूं की बेहतर पैदावार की उम्मीद बंध गई है। लंबे सूखे के बाद प्रदेश में पर्याप्त बारिश हुई है। सेब की बेहतर पैदावार के लिए चिलिंग आवर्स पूरे होने आवश्यक हैं। प्रदेश के मैदानी क्षेत्रों में बारिश नहीं होने से गेहूं की फसल सूखने लगी थी, जिसे अब संजीवनी मिली है।
रोहतांग दर्रे में चार फीट से ज्यादा हिमपात हो चुका है। अटल टनल रोहतांग के नार्थ पोर्टल में डेढ़ फीट से अधिक बर्फ पड़ी है। मनाली में आधा फीट बर्फ गिरी है।
लाहुल घाटी में लोग घरों में कैद हो गए हैं। शिंकुला, कुंजम व बारालाचा दर्रे सहित चंबा की पांगी घाटी में चार फीट तक हिमपात हुआ है। डलहौजी के डैनकुंड में एक फीट, कुल्लू जिला के धुंधी में दो फीट, सोलंगनाला में एक, केलंग में एक और कुल्लू जिला के गुलाबा में दो फीट बर्फबारी हुई है। जिला प्रशासन ने लोगों को मौसम खुलने तक सफर नहीं करने की हिदायत दी है। प्रदेश के छह जिलों में हिमपात से सैंकड़ो सड़कों पर यातायात पूरी तरह से ठप हो गया। कड़ाके की ठंड के कारण कई जगह पेयजल संकट गहरा गया है।
ऊपरी शिमला में कुफरी से लेकर रोहडू, खड़ा पत्थर, नारकंडा सहित सभी स्थानों पर यातायात बहाल हो चुकी है। लेकिन जिला प्रशासन ने अभी स्लीपरी होने के कारण वाहन ना चलाने की हिदायत दी है। किन्नौर व रामपुर के लिए बसों को वाया ढली-बसंतपुर-किग्गल से भेजा जा रहा है।
मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक सुरेंद्र पाल ने बताया कि पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव से आने वाले पांच दिनों में हिमाचल में ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बर्फबारी व मैदानों में बारिश होने की संभावना है। आठ व नौ जनवरी को मध्यवर्ती व उच्च पर्वतीय क्षेत्रों में भारी बारिश व बर्फबारी का येलो अलर्ट जारी किया गया है।