दरभंगा , कार्डियोलॉजिकल सोसाइटी ऑफ इंडिया की बिहार इकाई का वार्षिक समारोह आज हृदय रोग के कारणों एवं इससे बचने के उपायों एवं की चर्चा के साथ संपन्न हो गया। सीएसआई के राष्ट्रीय अध्यक्ष मृणाल कांति दास ने यहां दरभंगा मेडिकल कॉलेज ऑडिटोरियम में आयोजित समापन समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि हृदय रोगियों की बढ़ती संख्या हृदय रोग विशेषज्ञों के लिए बड़ी चुनौती है।
हृदय रोग से बचाव के लिए आम लोगों में जागरूकता लाने के लिए चिकित्सक समय.समय पर जागरूकता शिविर एवं सम्मेलन का आयोजन कर ज्यादा से ज्यादा लोगों को रोग से बचाव के उपाय बताएं। उन्होंने बताया कि खानपान पर नियंत्रण नहीं हुआ तो भारत ह्रदय रोग के मामले में 2020 तक विश्व की राजधानी बन जाएगा।
उन्होंने कहा कि हृदय रोग के लक्षणों की समय पर पहचान कर समय से इलाज शुरू कर दिया जाए तो अधिकतर मरीजों की जान बचाई जा सकती है। डॉ दास ने कहा कि आज युवा और बच्चे भी बड़ी संख्या में हृदय रोग से पीड़ित हो रहे हैं। यूरोपीय लोगों की अपेक्षा भारतीय कम उम्र में ही हृदय रोग से ग्रसित हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह रोग विश्व में मृत्यु का सबसे बड़ा कारण बन गया है।
उच्च रक्तचाप हृदयआघात एवं ब्रेन स्ट्रोक का एक बड़ा कारण बन रहा है इसीलिए इससे बचने के लिए लोगों को जीवन पद्धति मे सुधार लाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि ऐसे समारोह के आयोजन से चिकित्सक एक.दूसरे के अनुभव साझा करते हैं और उसका लाभ आम लोगों को मिलता है।