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नोटबंदी के बाद अब हो सकती है ये बड़ी घोषणा, मंदिरों और ट्रस्ट पर भी पड़ेगा असर

नई दिल्ली, नोटबंदी के बाद अब मोदी सरकार कालेधन के खिलाफ मुहिम जारी रखने के क्रम मे एक और बड़ी घोषणा कर सकती है.

अब सरकार कालेधन से खरीदे गए सोने को बाहर निकलवाने की तैयारी में है.

सूत्रों के अनुसार, मोदी सरकार को शक है कि नोटबंदी के दौरान बड़े पैमाने पर लोगों ने गलत तरीके से सोने में निवेश किया था.

सरकार मंदिर और ट्रस्ट के पास पड़े गोल्ड को भी प्रोडक्टिव इन्वेस्टमेंट के तौर पर इस्तेमाल के लिए रोडमैप ला सकती है.

एक अनुमान के मुताबिक, पूरे देश में घरों और मंदिरों में लगभग 23,000-24,000 टन सोना बिना किसी उपयोग के रखा गया है.

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इस सोने को उपयोग में लाने के लिए सरकार ने केंद्रीय बजट 2015-16 में स्वर्ण मुद्रीकरण योजना  की शुरुआत की थी.

लेकिन योजना सफल नहीं हो पाई क्योंकि बैंक 31 अगस्त 2017 तक मुश्किल से 11.1 टन सोना ही जुटा पाए.

सूत्रों के मुताबिक, कालाधन से सोना खरीदने वालों पर लगाम लगाने के लिए मोदी  सरकार इनकम टैक्स की एमनेस्टी स्कीम के तर्ज पर सोने

के लिए एमनेस्टी स्कीम लागू कर सकती है.

इस नियम के तहत एक तय मात्रा से अधिक बिना कागजात के सोना रखने पर जानकारी देनी होगी.

यह खुलासा करना होगा कि सोने की कीमत कितनी है.

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कीमत तय करने के लिए वैल्यूएशन सेंटर से सर्टिफिकेट लेना होगा.

अगर किसी के पास तय मात्रा से ज्यादा का सोना है तो उन्हें इसका खुलासा कर , उस पर टैक्स भरना होगा.

यह स्कीम कुछ समय के लिए ही लॉन्च की जाएगी.

 उसके बाद अगर किसी के पास तय मात्रा से ज्यादा सोना मिलता है तो उसे भारी जुर्माना देना होगा.