केंद्र सरकार ने लोकसभा में इस संबंध में विधेयक पारित कर दिया है। अब राज्यों के पास ये अधिकार होगा कि वे कम अंक के बावजूद छात्रों को अगली कक्षा में भेजना चाहते हैं या नहीं।पहले पांचवीं और आठवीं के छात्रों को फेल नहीं किया जाता था। नेशनल अचीवमेंट सर्वेक्षण में भी यह सामने आया था कि आठवीं तक के ज्यादातर बच्चों के पास अपेक्षित ज्ञान ही नहीं है।
राज्यो में अगर संशोधन लागू हुआ तो अब कम अंक लाने वाले छात्रों के लिए एक पूरक परीक्षा का आयोजन किया जाएगा। इस परीक्षा को पास करने पर ही छात्र को अगली कक्षा में भेजा जाएगा। इसके साथ ही फेल होने वाले किसी भी छात्र को स्कूल को निकाला नहीं जाएगा।