खाना भी अपना, बर्तन भी अपना, सिर्फ घर होता है दलित का : यह कैसा दलित के घर भोज ?
April 24, 2018
लखनऊ, दलितों के घर भोजन करना अब राजनीति मे एक फैशन बन गया है. मुख्यमंत्री हो या मंत्री हर कोई दलितों के घर भोजन कर अपना नंबर बढ़वाना चाहता है? क्या यह दलित प्रेम महज दिखावा है ?
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने नए कार्यक्रम रात्रि चौपाल के तहत लोगों से मिल रहे हैं. सोमवार को प्रतापगढ़ के मधुपुर गांव पहुंचे. यहां मुख्यमंत्री योगी ने दलितों के घर पर भोजन भी किया. योगी के साथ सूबे के कई मंत्री और पार्टी के वरिष्ठ नेता भी इस दलित भोज मे शामिल थे.
लेकिन बसपा अध्यक्ष मायावती ने इस दलित भोज की पोल खोल दी. मायावती ने कहा कि सभी जानते हैं कि बीजेपी दलितों के बारे में क्या सोचती है. उन्होंने कहा कि जब उनके मंत्री दलितों के घर जाते हैं तो अपना भोजन और बर्तन साथ लेकर जाते हैं. यहां तक कि वह दलितों की परछाई भी अपने ऊपर नहीं पड़ने देना चाहते.
मायावती ने कहा कि वास्तविकता ये है कि नाम के लिए घर केवल दलित का होता है, लेकिन खाना आदि सभी गैर दलित वर्ग यानी उच्च वर्ग के घरों से ही तैयार होकर आता है. वहीं क्या इससे दलितों के जीवन में कोई भी फर्क पड़ता हुआ दिखा? मायावती ने योगी को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि दलित अब ज्यादा दिन बेवकूफ बनने वाले नहीं हैं, बीजेपी की सच्चाई अब सामने आ चुकी है.
मायावती ने कहा कि पहले कांग्रेस के नेता दलितों के घर-घर जाकर मुफ्त की रोटी तोड़ते थे, अब बीजेपी के नेता भी खाना खाने आदि की नाटकबाजी कर गरीब दलित का आटा गीला करने का काम कर रहे हैं.