तीसरे मोर्चा बनाने की कवायद कर रहीं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को आज भारी सफलता मिली. विपक्षी नेताओं को एकजुट करने के साथ-साथ उन्होंने बीजेपी मे भी सेंध लगा दी है. उन्होंने आज भारतीय जनता पार्टी के बगावती तेवर अपनाए वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात कर बीजेपी मे टूट की शुरूआत कर दी है .
ममता बनर्जी शाम चार बजे के करीब बीजेपी नेता अरुण शौरी, यशवंत सिन्हा से मिली. शत्रुघ्न सिन्हा और डेरेक ओ ब्रायन भी साथ थे. अगले लोकसभा चुनाव में बीजेपी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुकाबले के लिए ममता बनर्जी ने फेडरल फ्रंट खड़ा करने की बात कही. ममता बनर्जी से मिलने वाले नेताओं ‘बिहारी बाबू’ शत्रुघ्न सिन्हा, पूर्व वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा और अरुण शौरी ने बयान देकर स्पष्ट कर दिया है कि वह अब विपक्ष के साथ हैं.
पूर्व वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा ने ममता बनर्जी से मुलाकात के बाद मीडिया को बताया कि अब ममता बनर्जी ने सराहनीय कार्य किया है. हमारा समर्थन उनके साथ है. हमने उनके साथ मिलकर वाजपेयी सरकार में काम किया था और हमें उनपर पूरा विश्वास है.वहीं शत्रुघ्न सिन्हा ने कहा कि ममता बनर्जी के व्यक्तित्व की तुलना किसी से नहीं की जा सकती है. हम उनके साथ हैं. यह पार्टी विरोधी गतिविधि नहीं है, बल्कि देशहित में उठाया गया कदम है. देश किसी भी पार्टी से ऊपर है और हम देश की रक्षा के संघर्ष में ममता के साथ हैं.
अरुण शौरी ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी अपनी सरकार पर नियंत्रण खो चुके हैं और अर्थव्यवस्था के साथ-साथ सरकार की सभी नीतियां नाकाम साबित हो रही हैं. देश में निराशा का माहौल है और सरकार विकास, रोजगार और इन्फ्रास्ट्रक्चर जैसी महत्वपूर्ण जरूरतों को पूरा करने में नाकामयाब रही है. तीसरे मोर्चे के सवाल पर उन्होंने कहा कि छोटी-छोटी पार्टियां एकजुट होकर बीजेपी के खिलाफ मोर्चा खड़ा कर चुनौती दे सकती हैं. उन्होंने प्रधानमंत्री पर हमला करते हुए यहां तक कह दिया कि वह आडवाणी इस बात से सहमत हैं कि मोदी एक अच्छे इवेंट मैनेजर हैं.
ममता बनर्जी की नजर बीजेपी में पीएम मोदी और अध्यक्ष अमित शाह के खिलाफ बगावत के सुर को बुलंद किए और नेताओं पर भी है. वह अगर बीजेपी के सभी बागी नेताओं को विपक्ष के पाले में लाने में कामयाब रही तो यह बीजेपी के लिए बड़ा झटका होगा और विपक्ष को बड़ी ताकत मिलेगी.