सपा से यादवों को तोड़ने की बीजेपी की कोशिश शुरू, यादव सम्मेलन मे मुलायम- अखिलेश पर लगे ये आरोप
June 8, 2018
वाराणसी, समाजवादी पार्टी से यादवों को तोड़ने की भारतीय जनता पार्टी ने अपनी कोशिशें प्रारंभ कर दी हैं। इसी क्रम मे, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी के सारनाथ में यादव जाति के युवाओं को बीजेपी की विचारधारा से जोड़ने के लिये श्रीकृष्ण विचार मंच कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में बीजेपी के प्रदेश संगठन महामंत्री सुनील बंसल सहित पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष और एमएलसी लक्ष्मण आचार्य भी मौजूद रहे।
डा0 सोमनाथ यादव द्वारा “” पूर्वांचल युवा संगोष्ठी “” का आयोजन किया गया था। जिसमे भारी संख्या मे पूर्वांचल के यादव युवाओं ने भाग लिया। समृद्धि की ओर बढ़ते भारत मे हमारी भूमिका विषयक विचार गोष्ठी मे अपने विचार रखते हुये ज्यादातर वक्ताओं ने “मुलायम सिंह यादव परिवार” द्वारा यादवों की उपजतियों को कभी सम्मान नहीं दिये जाने का गंभीर आरोप लगाया गया। वक्ताओं ने कहा कि इससे यादवों की उपजतियों मे “मुलायम सिंह यादव परिवार” के प्रति बेहद नाराजगी है। वक्ताओं ने मुलायम सिंह यादव और उनके पुत्र अखिलेश यादव पर अपनी उपजाति के लोगों को नेता बनाने से लेकर सरकारी नौकरी दिलाने का आरोप लगाया।
पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष और एमएलसी लक्ष्मण आचार्य ने समाजवादी पार्टी की वंश वाद और कुनबा परस्त राजनीति पर कड़ा प्रहार किया।बीजेपी के महामंत्री सुनील बंसल ने कहा कि पीएम मोदी और सीएम योगी के नेतृत्व में देश और प्रदेश बदल रहा है। उन्होने कहा कि हम सब भगवान श्रीकृष्ण के वंशज हैं। भगवान श्रीकृष्ण ने हमेशा अन्याय का प्रतिकार किया है, भगवान श्रीकृष्ण ने हमेशा धर्म का साथ दिया है। इसलिये हम सबको भी भगवान श्रीकृष्ण के आदर्शों पर चलते हुये धर्म का साथ देना चाहिये। उन्होने भगवान श्रीकृष्ण की भांति समाज के अंदर धर्म की स्थापना के लिये युवाओं का आह्वाहन किया।
सूत्रों के अनुसार, भारतीय जनता पार्टी ने सपा- बसपा गठबंधन की हवा निकालने के लिये अहम रणनीति अपनायी है। वह अब दोनों पार्टियों के कैडर वोटरों को तोड़ने मे जुट गई है। बसपा से दलितों को तोड़ने के लिये बीजेपी की सरकारों द्वारा जहां कई उपाय किये जा रहें हैं, वहीं अब बीजेपी ने समाजवादी पार्टी के मूल वोटर यादव को भी सपा से तोड़ने की कोशिश शुरू कर दी है। यदि बीजेपी का दांव सफल साबित होता है और पार्टी सपा के उन वोटरों को अपने पाले में कर लेती है जिनका विकास सपा शासनकाल में नहीं हुआ तो यह बीजेपी के लिए मास्टर स्ट्रोक साबित हो सकता है।