यूपी मे इन लोकसभा सीटों पर बीजेपी समाजवादी पार्टी और कांग्रेस को देगी नई चुनौती
April 23, 2018
लखनऊ, यूपी मे आगामी लोकसभा चुनाव मे बीजेपी अपने ज्यादातर प्रत्याशी बदलने के मूड मे है। यूपी की 80 मे से 09 सीटों पर बीजेपी हारे हुये प्रत्याशियों को बदल सकती है।
यूपी मे 2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी की आंधी के समय भी सात लोकसभा सीटें भाजपा के हाथ से फिसल गई थीं। जिसमे पांच सपा ने और दो कांग्रेस ने जीती। वहीं उपचुनाव में , यूपी विधानसभा मे फतेह हासिल करने के बावजूद गोरखपुर और फूलपुर लोकसभा सीट भी सपा ने छीन ली। इसतरह से यूपी की ये नौ सीटें बीजेपी की आंख की किरकिरी बनी हुयी है । 2014 के लोकसभा चुनाव में रायबरेली और अमेठी कांग्रेस ने जीती। वहीं समाजवादी पार्टी ने कन्नौज, मैनपुरी, आजमगढ़, बदायूं और फीरोजाबाद सीटें जीतीं।
रायबरेली लोकसभा सीट से कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी भाजपा के अजय अग्रवाल को तीन लाख 52 हजार 717 मतों से पराजित किया। सोनिया को हराने के लिये भाजपा बड़ा प्लान बना रही है। रायबरेली में अमित शाह ने कांग्रेस विधान परिषद दल नेता दिनेश प्रताप सिंह और उनके भाई जिला पंचायत अध्यक्ष अवधेश प्रताप सिंह समेत कई प्रमुख लोगों को भाजपा में शामिल कराकर नये समीकरण बनायें हैं।जबकि अमेठी लोकसभा पर राहुल गांधी के खिलाफ दोबारा केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी को लाया जा सकता है।
इस बार सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कन्नौज से चुनाव लड़ने का एलान किया है। पिछली बार उनकी पत्नी डिंपल यादव ने भाजपा के सुब्रत पाठक को करीब 20 हजार मतों से हराया था। इस बार भाजपा कन्नौज से अखिलेश यादव को टक्कर देने के लिये प्रत्याशी बदल सकती है।2014 में आजमगढ़ सीट पर सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव को भाजपा के रमाकांत यादव ने कड़ी टक्कर दी थी। लेकिन उनकी सीएम योगी से नाराजगी के चलते अब भाजपा यहां किसी और पर भी दांव आजमा सकती है।
मैनपुरी में भी मुलायम सिंह 2014 का लोकसभा चुनाव जीते थे और तब उनके मुकाबिल भाजपा के शत्रुघ्न सिंह चौहान थे। मैनपुरी से मुलायम के इस्तीफा देने के बाद उपचुनाव में सपा के तेज प्रताप यादव के मुकाबले भाजपा से प्रेम सिंह शाक्य उतरे लेकिन, कोई खास करिश्मा नहीं दिखा सके। अबकी बार प्रेम सिंह शाक्य के स्थान पर कोई और आ सकता है।
फीरोजाबाद में सपा के चामक्य प्रो0 रामगोपाल यादव के पुत्र अक्षय यादव ने भाजपा के एसपी सिंह बघेल को चुनाव हराया था। 2017 के विधानसभा चुनाव में जीतने के बाद बघेल राज्य सरकार में मंत्री बन गये हैं। अब नये प्रत्याशी की खोज जारी है। बदायूं में सपा के धर्मेद्र यादव से भाजपा के वागीश पाठक हार गये थे। अब इन क्षेत्रों में भाजपा नये सिरे से गोटियां बिछा रही है। यही नही, मुख्यमंत्री आदित्यनाथ और उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के इस्तीफे से रिक्त हुई गोरखपुर और फूलपुर सीट पर उपचुनाव में सपा ने बाजी मार ली। इन दोनों सीटों को वापस लाने के लिये भी भाजपा की तलाश जारी है।