दलित का घोड़ी पर बारात निकालना नही हुआ बर्दाश्त, दूल्हे और बारात का किया ये हाल..
April 17, 2018
डिजिटल इंडिया की बात करने वाले देश मे आज भी एक दलित युवक घोड़ी पर बारात नही निकाल सकता है। एक दलित युवक को घोड़ी पर बारात निकालना महंगा पड़ गया। दलित दूल्हे को घोड़े से जबरन नीचे उतार कर उसके साथ अभद्रता की गई बल्कि बारात पर पथराव भी किया गया।
सूत्रों के अनुसार, मध्य प्रदेश में उज्जैन जिले के महिदपुर में नाग गुराड़िया में संजय चौहान जो बलाई समुदाय से ताल्लुक रखते हैं वो घोड़ी पर सवार होकर निकले थे लेकिन गांव के कुछ सवर्णों को यह पंसद नहीं आया और जबरन घोड़ी से उतार दिया गया और पिटाई की। जिन्होंने उन्हें रोकने की कोशिश की तो उनकी भी पिटाई कर दी। इस दौरान उपद्रवियों ने बारातियों पर पत्थरबाजी भी की।
गांव में अधिकतर लोग सवर्ण हैं और उन्होंने एक दलित के घोड़ी पर बारात निकालने को लेकर आपत्ति जताई। उनका कहना था घोड़े में केवल सवर्ण ही बारात निकाल सकते हैं। झारडा पुलिस स्टेशन के इन-चार्ज पृथ्वी सिंह खराटे ने बताया कि हमने 17 लोगों के खिलाफ एससी/एसटी एक्ट तथा आईपीसी की धारा के तहत मामला दर्ज किया है। हम उन्हें पकड़ने की कोशिश कर रहे हैं।
हाल ही में उत्तर प्रदेश के कासगंज में दलित युवक घोड़ी चढ़कर बारात निकालाने की अनुमति लेने के लिए इलाहाबाद हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाना पड़ा। हाईकोर्ट ने याचिका निस्तारित कर याची दूल्हे को सलाह दी कि वह स्थानीय थाने में अपनी रिपोर्ट दर्ज करा कर कानूनी कार्रवाई करे।
जबकि प्रशासन स्वयं कानून – व्यवस्था बिगड़ने की बात कह कर, दूल्हे पर घोड़ी पर बारात न निकालने को लेकर दबाव बना रहा है।सच यह है कि कोई बीमार समाज ही किसी युवक के घोड़ी पर चढ़ने से रोक सकता है। दुनिया में किसी भी देश में इसे सामान्य नहीं माना जाएगा। इस बीमार मानसिकता का मनोचिकित्सकों और समाजविज्ञानियों को अध्ययन करना चाहिए।