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मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की रैली, असंतुष्ट दलों का सर्कस- दिलीप घोष

कोलकाता, भारतीय जनता पार्टी की पश्चिम बंगाल इकाई के अध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा कि कोलकाता के ब्रिगेड परेड ग्राउंड में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की ओर से आयोजित रैली अपने नेताओं और पार्टी का अस्तित्व बचाने के लिए असंतुष्ट दलों की एक सभा थी और इसकी तुलना सर्कस और ड्रामा से की।

दिलीप घोष ने दावा किया कि आम और गरीब लोगों पर दबाव बनाकर ब्रिगेड ग्राउंड को भरने की तृणमूल सरकार की रणनीति के बावजूद यूनाइटेड इंडिया  रैली विफल हो गयी है। उन्होंने दावा किया कि कि ग्रांउड को भरने के लिए सभी पुलिस बलों को वहां एकत्रित करने का प्रयास भी काम नहीं आया।

मोदी सरकार से लोकतंत्र और देश को बचाने के ममता बनर्जी के आह्वान की खिल्ली उड़ाते हुये दिलीप घोष ने दावा किया कि पश्चिम बंगाल में सात महीनों में कम से कम 70 लोगों की हत्या हो चुकी है। आप जाकर देख सकते हैं कि ग्रामीण बंगाल में लोग कैसे डर में जी रहे हैं।

दिलीप घोष ने देश में लोकतंत्र को खत्म करने का आरोप लगाने वाले कुछ विपक्षी नेताओं पर निशाना साधते हुए कहा कि पंचायत चुनाव में 34 फीसदी मतदान नहीं हो सका और 42 फीसदी लोग वोट नहीं डाल सके। उन्होंने कहा कि विपक्षी नेताओं की सभा बंगाल में अपनी उपस्थिति दर्ज कराने के लिए थी लेकिन वे नेता अपने ही राज्यों में अपना राजनीतिक महत्व खो चुके है।

भाजपा सांसद शत्रुघ्न सिन्हा का नाम लिये बिना उन्होंने कहा कि वह शायद अपना विदाई भाषण दे रहे थे। दिलीप घोष ने ममता बनर्जी के श्मोदी सरकार की ष्डेट एक्सपायर होने संबंधी बयान की आलोचना करते हुये कहा कि प्रधानमंत्री कोई एलोपैथी दवा नहीं हैं जिसकी कोई एक्सपायरी डेट हो। पीएम मोदी प्राकृतिक चिकित्सा जैसे हैं, जो दादी मां के नुस्खे जैसी है और जिसकी कोई एक्सपायरी डेट नहीं होती है।