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मेडिकल गाइडलाइन के आधार पर ही मरीजों की जांच- स्वास्थ्य मंत्रालय

नयी दिल्ली, केन्द्र सरकार ने कहा है कि देश में कोरोना मरीजों की टेस्टिंग को लेकर जो गाइडलाइन जारी की गई है उन्हीं के आधार पर लोगों का परीक्षण किया जा रहा है और जो भी इस दायरे में आएगा उसका पूरा परीक्षण किया जाएगा।

स्वास्थ्य मंत्रालय के प्रवक्ता लव अग्रवाल ने मंगलवार को यहां संवाददाता सम्मेलन में बताया कि केन्द्र सरकार कोरोना वायरस से निपटने के लिए शुरू से ही सतर्क रही है और इस बात का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि जब विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इसे लेकर 30 जनवरी को वैश्विक स्तर पर जन स्वास्थ्य आपातककाल घोषित किया था तो उससे 12 या 13 दिन पहले ही भारत ने अपने हवाई अड्डों पर थर्मल स्क्रीनिंग शुरू कर दी थी। इस बीमारी को लेकर केन्द्र सरकार का नजरिया शुरू से ही “ प्रिएम्पिटव और एडवांस्ड एक्शन” का रहा है और यही कारण है कि हम इस बीमारी पर काफी हद तक सोशल डिस्टेंसिंग के जरिए अंकुश लगाने में कामयाब हुए हैं।

श्री अग्रवाल ने बताया कि मरीजों की टेस्टिंग को लेकर सरकार के दिशा निर्देशों का पूरा पालन किया किया जा रहा है और जो भी मरीज “मेडिकल प्रोटोकॉल” की शर्तों को पूरा करता हैं उसका पूरा परीक्षण किया जाता है। इसके अलावा देश में कोरोना मरीजों के जो आंकडें आ रहे हैं उससे पता चलता है कि इसकी चपेट में युवा लोग भी आ रहे हैं लेकिन उनके ठीक होने की दर भी अधिक है। इसके अलावा बुजुर्ग लोगों में मौत के जो मामले सामने आ रहे हैं उनमें अन्य बीमारियां भी देखी गई थी और मेडिकल भाषा में इसे “कोमोर्बिडिटी कहा जाता है।

श्री अग्रवाल ने बताया कि देश में अब तक कोरोना के कुल मामलों की संख्या 10363 हो गई है और सोमवार से मंगलवार तक 1211 नए मामले सामने आए हैं। इसके अलावा अब तक 339 लोगों की मौत भी हुई है और इनमें कल हुई 31 मौतें भी शामिल हैं। कोरेाना से अब तक 1036 लोग भी ठीक हुए हैं और कल 179 मरीज इससे ठीक हुए थे जिन्हें घर भेजा दिया गया था।