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प्रवासी मजदूरों की मौत का पहला मामला, दिल्ली से पैदल 200 किमी जाने पर हुआ हादसा

नई दिल्ली, कोरोना वायरस की वजह से देश में घोषित 21 दिन के लॉकडाउन ने प्रवासी श्रमिकों को अपने गांवों की ओर लौटने के लिए मजबूर कर दिया है.

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मध्यप्रदेश के मुरैना स्थित अंबा के बड़ का पुरा गांव का रहने वाला रणवीर सिंह दिल्ली मे रेस्टोरेंट में काम करता था. अचानक लॉकडाउन की घोषणा से रेस्टोरेंट में काम करने वाला रणवीर सिंह (38) बेरोजगार हो गया तो उसने गांव जाने की सोची.

दिल्ली से उसके गांव की दूरी करीब 300 किलोमीटर थी. लॉकडाउन की वजह से गाड़ियां बंद हैं. सो उसने पैदल चलने का निश्चय किया. 200 किलोमीटर का सफर तय कर लिया. अभी वह गांव से 100 किलोमीटर दूर ही था कि दिल्ली-आगरा हाइ-वे पर उसकी छाती में दर्द हुआ और वहीं उसकी मौत हो गयी.

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आगरा में जिस वक्त रणवीर ने सीने में दर्द की शिकायत की, तीनों वहीं रुक गये. एक स्थानीय दुकानदार उनकी मदद के लिए आगे आया. उसने रणवीर को थोड़ी देर के लिए लिटाने को कहा. तीनों चाय और बिस्किट खाने के लिए दिये. सूचना मिली, तो पुलिस भी वहां पहुंची, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी. रणवीर की सांसें थम चुकीं थीं.

पुलिस अधिकारी ने बताया कि ऑटॉप्सी रिपोर्ट में कहा गया है कि दिल का दौरा पड़ने की वजह से उसकी मृत्यु हुई है. पुलिस अधिकारी ने बताया कि बहुत ज्यादा पैदल चलने की वजह से संभवत: उसे दिल का दौरा पड़ा. पोस्टमार्टम के बाद शव को उसके परिजनों को सौंप दिया गया है. पुलिस ने मृतक के मोबाइल फोन से उसके परिजनों को उसकी मृत्यु की सूचना दी.

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आगरा जिला के पुलिस प्रमुख बबलू कुमार ने बताया कि दक्षिणी दिल्ली के तुगलकाबाद में एक रेस्टोरेंट में रणवीर काम करता था. रेस्टोरेंट बंद हो गया, तो हजारों प्रवासी श्रमिकों की तरह रणवीर भी अपने गांव जाने की जद्दोजहद कर रहा था. सरकारी और निजी परिवहन सेवाएं पूरी तरह से बंद हैं. ट्रेनें भी नहीं चल रही हैं. इसलिए उसके पास अपने गांव तक की 300 किलोमीटर की दूरी पैदल नापने के अलावा कोई विकल्प नहीं रह गया था.

दिल्ली छोड़कर अपने गांव की ओर जाने वाले हजारों प्रवासी मजदूरों में मौत का यह पहला मामला है.

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