PM मोदी ने मुख्यमंत्री नवीन पटनायक को दी ये चुनौती

फुलबनी, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक पर जमकर हमला बोला और उन्हें कागज की मदद के बिना राज्य में जिलों और उसके मुख्यालयों के नाम बताने की चुनौती दी।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने फुलबनी के स्टेडियम में चुनावी रैली को संबोधित करते हुए उन्हें जिम्मेदारी संभालने वाले किसी भी व्यक्ति की आलोचना या बदनाम करने की आदत नहीं है, लेकिन ओडिशा की मौजूदा स्थिति को देखकर उन्हें बहुत दुख हो रहा है। उन्होंने कहा “नवीन पटनायक कई वर्षों से राज्य के मुख्यमंत्री रहे हैं। मैंने उन्हें कागज के टुकड़े के बिना जिलों और उसके मुख्यालयों का नाम बताने की चुनौती दी है।” उन्होंने श्री पटनायक पर तंज कसते हुए कहा कि जो मुख्यमंत्री अपने राज्य के जिलों और उसके मुख्यालयों का नाम तक नहीं बता सकते, वे यहां लोगों की दुर्दशा और पीड़ा को कैसे समझ सकते हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि गुजरात के पास नमक के अलावा कुछ भी नहीं है, फिर भी यह ओडिशा की तुलना में विकास में बहुत आगे है, जो वन और खनिज संसाधनों में समृद्ध होने के बावजूद अभी भी पिछड़ा हुआ है तथा जहां लोग अभी भी गरीबी की मार झेल रहे हैं। उन्होंने कहा, “हम एक ऐसा मुख्यमंत्री चाहते हैं जो राज्य के लोगों से जुड़ा हो। ओडिया के गौरव , संस्कृति और परंपरा को समझता हो।” उन्होंने लोगों से अपील की कि वे भाजपा को पांच साल तक ओडिशा की सेवा करने का मौका दें, ताकि राज्य को देश में नंबर एक राज्य के रूप में विकसित किया जा सके।

प्रधानमंत्री ने श्रीजगन्नाथ मंदिर के खजाने के रिकॉर्ड को बनाये रखने में विफलता के लिए राज्य सरकार की भी आलोचना की। उन्होंने कहा, “करीब 70 साल पहले नियम बनाये गये थे कि मंदिर के खजाने का रिकॉर्ड रखा जायेगा। रत्न भंडार की आखिरी सूची लगभग 45 साल पहले बनायी गयी थी। मंदिर का रत्न भंडार पिछले 40 साल से नहीं खुला है और पिछले छह साल से रत्न भंडार की चाबियां गायब हैं। राज्य सरकार रत्न भंडार की चाबियां नहीं रख सकी और डुप्लीकेट चाबी लेकर आयी, जो चाबी के गायब होने से भी अधिक गंभीर है।” उन्होंने कहा कि राज्य के लोगों को यह जानने का पूरा अधिकार है कि चाबियों का क्या हुआ और चाबी किसने ली तथा डुप्लीकेट चाबी किसने तैयार की।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि मामले की जांच के लिए आयोग का गठन किया गया था। आयोग ने अपनी रिपोर्ट सौंप दिये जाने के बावजूद सरकार ने इसे सार्वजनिक नहीं किया है। उन्होंने अरोप लगाया कि भाजपा की प्रदेश इकाई बार-बार रत्न भंडार मुद्दे को उठा रही है, लेकिन नवीन पटनायक सरकार भाग रही है। उन्होंने सवाल किया कि सरकार की क्या मजबूरी है और बीजद सरकार क्यों छिप रही है और इसे छुपाने की कोशिश कर रही है? उन्होंने आश्वस्त किया कि राज्य में भाजपा के सत्ता में आने पर रत्न भंडार का मुद्दा उठाया जाएगा।

प्रधानमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार ने ओडिशा को कंधमाल हल्दी के लिए जीआई टैग प्रदान किया है तथा कंधमाल में मसाला पार्क स्थापित किया जाएगा। बीजद नेताओं पर आदिवासियों की जमीन छीनने का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि अगर भाजपा राज्य में सत्ता में आयी तो वह आदिवासियों की जमीन छीनने वाले भू-माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई करेगी।