लखनऊ , अपने को पिछड़ों का सबसे बड़ा हमदर्द बताने वाली बीजेपी की योगी सरकार से हाईकोर्ट ने पूछा है कि उसने आठ माह बीत जाने के बाद भी पिछड़ा वर्ग आयोग का गठन क्यों नही किया है ?
इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ खंडपीठ ने पिछड़ा वर्ग आयोग के गठन को लेकर दायर जनहित याचिका पर राज्य सरकार से दो सप्ताह में जवाब तलब किया है। न्यायालय ने जानना चाहा है कि आयोग का कार्यकाल समाप्त होने के बाद भी इसका गठन अभी तक क्यों नहीं किया गया।न्यायमूर्ति विक्रमनाथ और न्यायमूर्ति अब्दुल मूईन की खंडपीठ ने याची फारूख अहमद की ओर से दायर जनहित याचिका पर यह आदेश दिये हैं।
जनहित याचिका दायर कर कहा गया है कि वर्ष 1996 में पिछड़ा वर्ग आयोग बनाया गया था और कहा गया कि पिछड़े वर्ग के लोगों की समस्याओं और परेशानियों के निदान के लिए इसका गठन किया गया था। इस आयोग में एक चेयरमैन दो उप-चेयरमैन तथा 17 सदस्य होने का प्रावधान है। याचिका में आरोप लगाया गया है कि योगी सरकार द्वारा जुलाई 2017 के बाद पिछड़ा वर्ग आयोग का पुनः गठन नहीं किया गया। याचिका में मांग की गई है कि आयोग का शीघ्र गठन किया जाए।