Rahul Gandhi, a lawmaker and son of India's ruling Congress party Chief Sonia Gandhi, waves to his supporters during an election campaign rally at Unnao district in the northern Indian state of Uttar Pradesh January 28, 2012. They call him the Yuva Samrat, or young emperor. Yet Rahul Gandhi has so far shown no inclination to claim the throne of the world's largest democracy. Picture taken January 28, 2012. To match Insight INDIA-GANDHI/ REUTERS/Adnan Abidi (INDIA - Tags: POLITICS SOCIETY ELECTIONS)
नयी दिल्ली, कांग्रेस में विभिन्न अनुषांगिक संगठनों का नेतृत्व बदलने की कवायद के तहत युवा कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए पार्टी नेतृत्व ने साक्षात्कार की प्रक्रिया पूरी कर ली है। हालाँकि इस बीच आईवाईसी के पदाधिकारियों ने विधानसभा चुनाव एवं अन्य परिस्थितियों का हवाला देते हुए मौजूदा अध्यक्ष अमरिंदर राजा बरार की जगह नयी तैनाती नहीं करने की मांग भी की है।
पार्टी सूत्रों के अनुसार गत 14 अप्रैल को आईवाईसी के अध्यक्ष पद की दौड़ में शामिल उम्मीदवारों के साक्षात्कार की प्रक्रिया पूरी हो गई। सूत्रों के मुताबिक़ आईवाईसी अध्यक्ष पद के लिए गांधी के साथ 14 युवा नेताओं का साक्षात्कार हुआ है। इस दौड़ में सिर्फ़ दो युवा महिला नेता (प्रतिभा रघुवंशी और इन्द्राणी मिश्रा) शामिल हो पायीं। पुरुष चेहरों में राजस्थान युवा इकाई के अध्यक्ष अशोक चाँदना और आंध्र प्रदेश से सी वी चंद रेड्डी का नाम शामिल है।
वहीं दूसरी ओर पार्टी ने उन मीडिया रिपोर्टों का भी खंडन किया है जिनमें नयी तैनाती से युवा इकाई में असंतोष उपजने और राजा बरार से इस्तीफ़ा लेने की बात कही गई है। आईवाईसी के प्रभारी कृष्णा अल्वारू ने आज ट्वीट कर बताया कि राजा से इस्तीफा लेने की बात गलत है। हालांकि अल्वारु ने यह भी कहा कि बरार नयी नियुक्ति तक अपने पद पर रहेंगे।
इस दौरान नियुक्ति प्रक्रिया का हवाला देते हुए आईवाईसी के सचिव आबिद कश्मीरी ने पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी को पत्र लिख कर फिलहाल इस प्रक्रिया को लंबित रखने की मांग की है। कश्मीरी ने आईवाईसी के मौजूदा पदाधिकारियों में इस बात से चिंता होने की दलील देते हुए कहा है कि मोदी सरकार के खिलाफ देश भर में उपजी नाराजगी को देखते हुए पार्टी को अभी सड़क पर उतरने की तात्कालिक जरूरत है।
उन्होंने कहा कि कर्नाटक के अलावा तीन हिंदी भाषी राज्यों में आसन्न विधानसभा चुनावों के मद्देनज़र कार्यकर्ताओं को चुनावी तैयारियों में जुटाने में आईवाईसी की अहम भूमिका होने के कारण इस समय नया अध्यक्ष नियुक्त करना पार्टी हित में नहीं है। उल्लेखनीय है कि पार्टी ने अपने अनुषांगिक संगठनों में नए प्रमुखों की तैनाती का सिलसिला सेवा दल से हाल ही में शुरू किया था। इस कड़ी में सेवा दल के लम्बे समय से अध्यक्ष रहे महेंद्र जोशी की जगह लालजी देसाई को संगठन की कमान सौंपी गई है।
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पार्टी सूत्रों के अनुसार गत 14 अप्रैल को आईवाईसी के अध्यक्ष पद की दौड़ में शामिल उम्मीदवारों के साक्षात्कार की प्रक्रिया पूरी हो गई। सूत्रों के मुताबिक़ आईवाईसी अध्यक्ष पद के लिए गांधी के साथ 14 युवा नेताओं का साक्षात्कार हुआ है। इस दौड़ में सिर्फ़ दो युवा महिला नेता (प्रतिभा रघुवंशी और इन्द्राणी मिश्रा) शामिल हो पायीं। पुरुष चेहरों में राजस्थान युवा इकाई के अध्यक्ष अशोक चाँदना और आंध्र प्रदेश से सी वी चंद रेड्डी का नाम शामिल है।
वहीं दूसरी ओर पार्टी ने उन मीडिया रिपोर्टों का भी खंडन किया है जिनमें नयी तैनाती से युवा इकाई में असंतोष उपजने और राजा बरार से इस्तीफ़ा लेने की बात कही गई है। आईवाईसी के प्रभारी कृष्णा अल्वारू ने आज ट्वीट कर बताया कि राजा से इस्तीफा लेने की बात गलत है। हालांकि अल्वारु ने यह भी कहा कि बरार नयी नियुक्ति तक अपने पद पर रहेंगे।
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इस दौरान नियुक्ति प्रक्रिया का हवाला देते हुए आईवाईसी के सचिव आबिद कश्मीरी ने पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी को पत्र लिख कर फिलहाल इस प्रक्रिया को लंबित रखने की मांग की है। कश्मीरी ने आईवाईसी के मौजूदा पदाधिकारियों में इस बात से चिंता होने की दलील देते हुए कहा है कि मोदी सरकार के खिलाफ देश भर में उपजी नाराजगी को देखते हुए पार्टी को अभी सड़क पर उतरने की तात्कालिक जरूरत है।
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उन्होंने कहा कि कर्नाटक के अलावा तीन हिंदी भाषी राज्यों में आसन्न विधानसभा चुनावों के मद्देनज़र कार्यकर्ताओं को चुनावी तैयारियों में जुटाने में आईवाईसी की अहम भूमिका होने के कारण इस समय नया अध्यक्ष नियुक्त करना पार्टी हित में नहीं है। उल्लेखनीय है कि पार्टी ने अपने अनुषांगिक संगठनों में नए प्रमुखों की तैनाती का सिलसिला सेवा दल से हाल ही में शुरू किया था। इस कड़ी में सेवा दल के लम्बे समय से अध्यक्ष रहे महेंद्र जोशी की जगह लालजी देसाई को संगठन की कमान सौंपी गई है।
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