सुधार के लिये न्यायपालिका को भी न बख्शने वाले, न्यायमूर्ति जे. चेलमेश्वर आज होंगे रिटायर
June 22, 2018
नई दिल्ली, भारतीय न्यायपालिका मे व्याप्त कमियों को इंगित करने वाले और उन्हे दूर करने के लिये हर संभव प्रयास करने वाले सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठतम न्यायाधीश न्यायमूर्ति जे. चेलमेश्वर आज रिटायर होंगे. चेलमेश्वर सुप्रीम कोर्ट में करीब सात साल से कार्यरत थे.
जस्टिस चेलमेश्वर शनिवार को 65 वर्ष के हो जाएंगे. वह नौ न्यायधीशों की उस पीठ का हिस्सा थे जिसने ऐतिहासिक फैसले में निजता के अधिकार को मौलिक अधिकार घोषित किया था. वह न्यायमूर्ति जे.एस. खेहर की अध्यक्षता वाली पांच न्यायाधीशों की उस पीठ का भी हिस्सा थे, जिसने उच्चतर न्यायपालिका में नियुक्ति से संबंधित राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग (एनजेएसी) को निरस्त किया था, लेकिन चेलमेश्वर पीठ से अलग फैसला देने वाले एकमात्र न्यायाधीश थे.
चेलमेश्वर ने कहा था, ‘कोलेजियम की कार्यवाही पूरी तरह से अस्पष्ट, जनता तथा इतिहास के लिए पहुंच से दूर है.’ न्यायाधीशों द्वारा न्यायाधीशों की नियुक्ति वाली कोलेजियम प्रणाली का विरोध करते हुए चेलमेश्वर ने 2016 के एनजेएसी पर फैसले के बाद उच्चतर न्यायपालिका में पारदर्शिता आने तक उच्चतम न्यायालय की कॉलेजियम बैठकों में नहीं जाने का फैसला किया था. हालांकि बाद में उन्होंने कोलेजियम बैठकों में भाग लिया था.
चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया दीपक मिश्रा के खिलाफ बगावत करते हुए प्रेस कॉन्फ्रेंस करने वाले चार न्यायाधीशों में शामिल सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठतम न्यायाधीश न्यायमूर्ति जे. चेलमेश्वर ने 12 जनवरी 2018 को सुप्रीम कोर्ट के इतिहास में पहली बार न्यायपालिका को आईना दिखाया था. चारों न्यायाधीशों ने न्यायपालिका पर सवाल खड़े कर दिए थे.
जस्टिस चेलमेश्वर ने कड़ी टिप्पणियों में कहा था, ‘कई चीजें पिछले कुछ महीनों में ऐसी हुई जो उचित नहीं हैं.’उन्होंने कहा था कि ‘जब तक इस संस्थान (सुप्रीम कोर्ट) को संरक्षित नहीं किया जाता और जब तक यह अपना संतुलन नहीं बना सकता, इस देश में लोकतंत्र कायम नहीं रह जाएगा. अच्छे लोकतंत्र की पहचान निष्पक्ष और स्वतंत्र न्यायाधीश होते हैं.’
आंध्र प्रदेश के कृष्णा जिले के मोव्या मंडल के पेड्डा मुत्तेवी में 23 जून 1953 को जन्मे चेलमेश्वर की शुरुआती पढ़ाई कृष्णा जिले के मछलीपट्टनम के हिन्दू हाईस्कूल से हुई. उन्होंने स्नातक चेन्नई के लोयोला कालेज से भौतिक विज्ञान में किया. उन्होंने कानून की डिग्री 1976 में विशाखापट्टनम के आंध्र विश्वविद्यालय से ली. वह तीन मई 2007 को गौहाटी उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश बने. बाद में केरल उच्च न्यायालय में स्थानांतरित हुए. न्यायमूर्ति चेलामेश्वर 10 अक्टूबर 2011 को सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश हुये.
उनके अलावा कोलेजियम में चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा, जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस एमबी लोकुर और जस्टिस कुरिनय जोसेफ शामिल हैं. रिटायर होते ही जस्टिस चेलमेश्वर कोलेजियम से बाहर होंगे और उनकी जगह जस्टिस एके सीकरी शामिल होंगे. जस्टिस सीकरी की अगुवाई वाली बेंच ने ही हाल ही में कर्नाटक विधानसभा चुनाव के बाद राज्य में उभरी राजनीतिक उथापुथल के बीच 24 घंटे में फ्लोर टेस्ट कराने का आदेश दिया था.