कैराना उपचुनाव हुआ और भी दिलचस्प,बीजेपी को रोकने के लिए दो बड़े दुश्मन हुए एक
May 22, 2018
शामली, कैराना लोकसभा सीट पर हो रहे उपचुनाव को लेकर एक बडा उलटफेर हुआ. बीजेपी को रोकने के लिए जहां एक तरफ पूरा विपक्ष यहां एकजुट हो गया है, वहीं इसी कड़ी में दो सियासी ‘जानी दुश्मन’ भी एक साथ आते दिख रहे हैं .
वर्षों की दुश्मनी भुलाकर ये दोनों परिवार बीजेपी के खिलाफ आपसी सभी गिले-शिकवे भुलाकर एक हो गए हैं. कांग्रेस प्रदेश उपाध्यक्ष इमरान मसूद ने कैराना विधायक नाहिद हसन को गले लगा लिया है. इन दोनें को एक करने में सपा के वरिष्ठ नेताओं ने अहम भूमिका अदा की हैं. नाहिद हसन और इमरान मसूद के एक होने की इस घटना ने कैराना उपचुनाव को लेकर राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है. पिछले कई वर्षों से इन दोनों परिवारों के बीच मतभेद चल रहा था.
पूर्व विधायक इमरान मसूद के आवास पर हुई बैठक में पूर्व मंत्री बलराम सिंह यादव के सामने इमरान मसूद और महरूम मुनव्वर हसन के पुत्र और कैराना के वर्तमान विधायक नाहिद हसन ने एक दूसरे को गले लगाकर अपने गिले शिकवे भुला दिए. इमरान मसूद और नाहिद हसन ने गठबंधन के प्रत्याशी तबस्सुम हसन को भारी मतों से जिताने की बात कही.
जानकारी के अनुसार समझौते का ये प्रस्ताव बलराम सिंह यादव के नेतृत्व में नाहिद हसन लेकर इमरान मसूद के घर पहुंचे थे. यहां उन्होंने बीजेपी के खिलाफ तबस्सुम हसन को जीत दिलाकर विपक्षी एकता का प्रस्ताव रखा. इस पर इमरान मसूद ने प्रस्ताव स्वीकार कर लिया.
सियासी जानकारों के अनुसार इमरान मसूद और नाहिद हसन के परिवारों में 2009 से विवाद चरम पर पहुंचा. इस दौरान दोनों परिवार सियासत में हर कदम पर एक दूसरे के खिलाफ ही ताल ठोक रहे थे. 2017 के विधानसभा चुनाव में सपा विधायक नाहिद हसन ने कांग्रेस प्रदेश उपाध्यक्ष इमरान मसूद के खिलाफ मोर्चा खोला था. 2017 के विधानसभा चुनाव में इमरान नकुड़ पर और उनके भाई नोमान गंगोह में दूसरे नंबर पर रहे थे.