मायावती का बसपा मे परिवर्तन का क्रम जारी, पूर्व मंत्री और विधायक बसपा से बाहर, जिलाध्यक्ष बदला
February 22, 2018
लखनऊ, बसपा की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती द्वारा बहुजन समाज पार्टी की ओवरहालिंग का क्रम जारी है। इसी प्रक्रिया मे, एक पूर्व मंत्री और पूर्व विधायक बसपा से बाहर हो गयें हैं और एक जिले का जिलाध्यक्ष भी बदल दिया गया है।
बसपा मे हुये बड़े परिवर्तन के चलते मायावती सरकार में स्वतंत्र प्रभारी राज्यमंत्री के रूप में शामिल रहे पूर्व मंत्री विनोद सिंह ने बसपा से इस्तीफा दे दिया है। बसपा छोड़ने का कारण उन्होंने अपनी व्यस्तता बताई है। विनोद सिंह वर्ष 2006 से बसपा से जुड़े रहे हैं। मायावती को भेजे पत्र में उन्होंने निवेदन किया है कि शैक्षिक संस्थानों के विस्तार से उत्पन्न समयाभावों के कारण वे बसपा को उतना समय नहीं दे पा रहे हैं, जितना अपेक्षित है। जबकि सूत्रों के अनुसार, उन्होंने पार्टी बदलने के लिये एेसा किया है। वह जल्द ही किसी अन्य राजनीतिक दल में शामिल हो सकते हैं।
वहीं,बसपा प्रमुख मायावती ने इलाहाबाद में बसपा की सबसे कद्दावर नेता और दो बार विधायक रही पूजा पाल को पार्टी से बाहर कर दिया है। पूजा पाल को अनुशासनहीनता सहित कई अन्य आरोपों मे पार्टी से निष्कासित किया गया है। पूजा पाल के निष्कासन के साथ ही इलाहाबाद के जिला अध्यक्ष को भी पद से हटा दिया गया है। अब अवधेश गौतम की जगह दीप चंद्र गौतम इलाहाबाद बसपा के नए जिलाध्यक्ष होंगे।
बसपा के इलाहाबाद-मिर्जापुर मंडल के जोनल कोआर्डिनेटर अशोक कुमार गौतम की ओर से जारी विज्ञप्ति के मुताबिक विधानसभा चुनाव 2017 के बाद से पूजा पाल पूरी तरह निष्क्रिय होकर अपने क्षेत्र में नहीं गईं। पार्टी कार्यकर्ताओं का फोन नहीं उठाने के साथ वह पार्टी की बैठकों, सभाओं और कार्यक्रमों में भी शामिल नहीं हुईं। इसे गंभीर अनुशासनहीनता मानते हुए उन्हें पार्टी से निष्कासित किया गया है। अशोक के मुताबिक यह निर्णय पार्टी अध्यक्ष मायावती के निर्देश पर लिया गया।
सूत्रों के अनुसार, पूर्व विधायक पूजा पाल ने नई सियासी नाव पर सवार होने की तैयारी कर ली है। इस बात की भनक लगते ही बसपा ने निष्क्रियता का आरोप लगाते हुए आनन-फानन में उन्हें पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया। पूजा पाल के अचानक पार्टी से निकाले जाने के बाद अब फूलपुर में हो रहे लोकसभा उपचुनाव में समीकरण बदल सकतें है। क्योंकि पूजा पाल जिस पार्टी मे जातीं हैं तो निश्चित तौर पर उस पार्टी को फूलपुर लोकसभा उपचुनाव में उसका फायदा मिलेगा।