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1 अप्रैल यानि मूर्ख दिवस को लेकर पुलिस ने दिये कड़े निर्देश

नई दिल्ली, 1 अप्रैल को अप्रैल फूल डे मनाया जाता है। दुनिया भर में इस दिन को मूर्ख दिवस कहा जाता है। इस दिन लोग अपने मित्रों और संबंधियों को मूर्ख बनाकर खुश होते हैं।

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लेकिन इस बार कोरोना वायरस और लॉकडाउन-कर्फ्यू को लेकर किसी तरह की अफवाह फैलाई तो अप्रैल फूल बनाना महंगा पड़ सकता है।

पुलिस के अनुसार अप्रैल फूल के नाम पर कोविड-19 या लॉकडाउन के बारे में कोई भी अफवाह ना फैलाएं। ऐसा करने वालों पर एफआईआर दर्ज होगी।

इसको लेकर पुलिस लगातार सोशल मीडिया पर नजर रखे हुए हैं ताकि अप्रैल फूल के नाम कोरोना और कर्फ्यू को लेकर कोई अफवाह न फैलाएं।

पुलिस ने स्पष्ट रूप से 1 अप्रैल ‘ फूल डे’ पर सोशल मीडिया पर कोरोना वायरस को लेकर अफवाह फैलाने या किसी तरह की शरारत (प्रैंक) करने के खिलाफ आगाह किया है।

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इसको लेकर स्थानीय स्तर पर पुलिस द्वारा संदेश भी प्रसारित कर लोगों को आगाह किया जा रहा है।

शिमला पुलिस ने इसको लेकर अपने फेसबुक पेज पर सख्त निर्देश जारी किए हैं।

महाराष्ट्र में औरंगाबाद पुलिस ने लोगों को ‘अप्रैल फूल डे’ पर सोशल मीडिया पर कोरोना वायरस को लेकर अफवाह फैलाने या किसी तरह की शरारत (प्रैंक) करने के खिलाफ आगाह किया है।

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पुलिस उपायुक्त मीणा मकवाना ने कहा कि व्हाट्सएप ग्रुप एडमिन और मोबाइल मैसेजिंग ऐप पर ऐसे संदेश पोस्ट करने वाले सदस्य के

खिलाफ मामले दर्ज किए जाएंगे।

अधिकारी ने कहा, ‘‘ कई लोग एक अप्रैल को अपने दोस्तों और रिश्तेदारों के साथ शरारत (प्रैंक) करते हैं।

नागरिकों से कोरोना वायरस को लेकर कोई मजाक ना करने को कहा गया है। ऐसे संदेश भ्रम पैदा कर सकते हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘ अगर ऐसे संदेश व्हाट्सएप पर मिले तो संदेश साझा करने वाले और उस ग्रुप के एडमिन के खिलाफ मामला दर्ज किया

जाएगा।’’

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