लखनऊ, पूरे देश में लागू किए गए लॉकडाउन के बाद सबसे ज्यादा समस्या प्रवासी मजदूरों को झेलनी पड़ रही है.
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लॉकडाउन के आज तीसरे दिन भी दिल को झकझोर देने वाली कई खबरें सामने आ रही हैं, जिनमें भूखे प्यासे मजदूर अपने परिवार के साथ घर जाने के लिए सैंकड़ों किलोमीटर पैदल चल रहे हैं.
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इसमें कुछ लोगों ने जुगाड़ सिस्टम भी अपनाया है. कहीं दूध के टैंक मे छुप के जाते लोग पकड़े गये तो कहीं मालगाड़ी पर लदे लोग नजर आये. एसे ही बिहार के मधुबनी के रहने वाले तीन लोगों ने साइकिल रिक्शे पर पुराने स्कूटर का इंजन लगाया और दिल्ली से घर जाने के लिए निकले. चंदौली मे कल रात लालू महतो, गोरे लाल महतो और उनके ही परिवार का एक और सदस्य चंदौली में हाइवे पर जाते मिले.
उन्होंने पुलिस को बताया कि जब लॉकडाउन के बाद रेल बसें बंद हो गईं और सीमाओं को सील कर दिया तो उन्होंने मंगलवार को दिल्ली से घर चले जाने का फैसला किया, क्योंकि उनके पास न तो खाना था और न ही पैसे बचे थे कि वे दिल्ली मे रूक जाते.
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जब उनसे पूछा गया कि 800 किलोमीटर की यात्रा करने के बाद क्या वे कुछ आराम करना चाहते हैं. इस पर एक ने कहा, ‘नहीं हम लोग थके नहीं हैं. हम आगे जाना चाहते हैं. कृपया हमें जाने दीजिए.
उन्होने कहा कि हमारे पास कोई दिल्ली से निकलने के अलावा और कोई रास्ता नहीं था. तो हमने इस रिक्शे का सहारा लेने का फैसला किया. हम तीन दिन या चार दिन में पहुंच जाएंगे.’