लखनऊ, राजधानी के अमौसी स्थित चौधरी चरण सिंह हवाईअड्डे पर जल्द ही नया रडार लगेगा। दिल्ली से आए विमानन संरक्षा अधिकारियों ने एयरपोर्ट का निरीक्षण किया। इस दौरान अधिकारियों ने निर्देश दिया कि रडार की सप्लाई और उसको इंस्टॉल करने का काम फरवरी अंत तक हर हाल में पूरा कर लिया जाए।
एयरपोर्ट के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि रनवे पर भक्तिखेड़ा गांव की तरफ नया रडार लगाया जा रहा है। विमानन संरक्षा के कार्यपालक निदेशक एसवी सिंह ने इस स्थान का निरीक्षण किया है। उन्होंने बताया कि जिस टॉवर पर रडार लगाया जाना है उसका निर्माण पूरा हो चुका है। बिल्डिंग निर्माण भी लगभग पूरा हो चुका है। अधिकारी के मुताबिक, विमान उतरने के उपकरणों को लगाकर रडार को स्थापित करने का कार्य फरवरी माह के अंत तक पूरा हो जाएगा। इसके बाद जुलाई या अगस्त तक यह काम करने लगेगा। वहीं, एयरपोर्ट अथारिटी मुख्यालय से भी निर्देश मिले हैं कि रडार लगाने का काम तेजी से किया जाए। लखनऊ एयरपोर्ट पर रडार नहीं है। इस वजह से विमानों को उतरने के लिए एक खास उपकरण डीवीओआर (डॉपलर वेरी हाई फ्रिक्वेंसी ओमनी रेंज) पर निर्भर रहना पड़ता है। अन्य बड़े एयरपोर्ट पर रडार और डीवीओआर दोनों काम करते हैं। यदि रडार खराब हो गया तो भी डीवीओआर के जरिए विमानों को उतारा जा सकता है।
गौरतलब है कि डीवीओआर से तेज तरंगें निकलती हैं जिसके सहारे विमान पायलट एयरपोर्ट को ढूंढ़ लेते हैं। इसके साथ लगा अन्य उपकरण डीएमई पायलट को बताता है कि एयरपोर्ट कितनी दूरी पर है। रडार में एयर ट्रैफिक कंट्रोल विमान को स्क्रीन पर सीधे देख लेता है। रडार लगने के बाद एटीसी विमानों को सही दिशा-निर्देश दे सकेगा। मौजूदा समय जो विमान 10 से 25 मिनट तक लेट होते हैं, रडार लगने के बाद सटीक समय पर उतरेंगे। साथ ही विमान दुर्घटना का जोखिम भी कम हो जाएगा। शनिवार को डीवीओआर खराब हो जाने के कारण शाम 4ः45 से रात 12ः30 तक विमानों का संचालन ठप रहा। यदि रडार होता तो यह दिक्कत नहीं आती।