देहरादून, उत्तराखंड में पिछले चार वर्ष से संचालित आयुष्मान योजना के अंतर्गत, पांच लाख 75 हजार से भी अधिक रोगियों का उपचार किया गया है। कतिपय शिकायतों के बाद, अब निशुल्क उपचार के सत्यापन के बाद ही, अस्पतालों को क्लेम का भुगतान किया जाएगा। यह जानकारी शुक्रवार को राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण द्वारा जारी एक विज्ञप्ति में दी गई।
विज्ञप्ति के अनुसार, इस अवधि में कतिपय लाभार्थियों द्वारा समय-समय पर यह शिकायत की गयी है कि चिकित्सालयों द्वारा उपचार को पूर्णतया निःशुल्क रूप से उपलब्ध नहीं कराया गया तथा चिकित्सालय द्वारा उपचार हेतु लाभार्थी से धनराशि ली गयी, जो आयुष्मान योजना की गाईड लाइन्स तथा चिकित्सालय के साथ किये गये अनुबन्ध के विरूद्ध है। ऐसे अनेक मामलों में प्राधिकरण द्वारा लाभार्थियों से ली गयी धनराशि को चिकित्सालय से वापस भी कराया गया।
आयुष्मान योजना के चतुर्थ वर्षगांँठ पर बीते 23 सितम्बर को आयोजित आरोग्य मंथन-4 में योजना के क्रियान्वयन को पारदर्शी बनाने हेतु प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत की घोषणा कि दो अक्टूबर, 2022 से रोगी के उपचारोपरांत लाभार्थी से सत्यापन प्रमाण-पत्र लिया जायेगा कि उपचार के हेतु चिकित्सालय द्वारा कोई भी धनराशि नहीं ली गयी है तथा उसका उपचार पूर्णत नि:शुल्क किया गया है। इस क्रम में राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण ने सभी चिकित्सालयों को आदेश निर्गत कर दिये गये हैं। इस आदेश के अनुसार चिकित्सालयों द्वारा लाभार्थी के उपचारोपरांत क्लेम प्रस्तुत करते समय लाभार्थी का सत्यापन प्रपत्र तथा इसके अतिरिक्त चिकित्सालय का प्रमाण-पत्र दाखिल किया जाना अनिवार्य कर दिया गया है।