इनकी सात पुश्तें भी, कश्मीर को भारत से अलग नही करा पाएगी-अमित शाह
April 10, 2019
कासगंज , भारतीय जनता पार्टी अध्यक्ष अमित शाह ने कहा कि मैं राष्ट्रीय अध्यक्ष होने के नाते यह बताता हूँ कि उमर अब्दुल्ला की सात पुश्तें भी कश्मीर को भारत से अलग नही करा पाएगी। कासगंज के पटियाली में एटा लोकसभा प्रत्याशी राजवीर सिंह उर्फ राजू भईया के समर्थन में आयोजित एक चुनावी जनसभा को संबोधित करते हुये शाह ने कहा कि सपा.बसपा और कांग्रेस वोट बैंक की राजनीति करती हैं, बसपा प्रमुख मायावती खुलेआम एक समुदाय विशेष के वोट मिलने की चाहत प्रदर्शित करती है।
उमर अब्दुल्ला के कश्मीर में अलग प्रधानमंत्री के बयान पर बोलते हुए कहा उन्होने कहा – मैं पिछले पांच दिन से राहुल बाबा से कह रहा हूँ अखिलेश जी से कह रहा हूँ मायावती जी से कह रहा हूँ कि इस पर क्या करना चाहिए लेकिन इनमें से कोई कुछ नही कह रहा क्योंकि यह लोग वोट बैंक की राजनीति करते है। इसलिए तो मायावती जी चाहती हैं कि एक पक्ष का उन्हें वोट मिल जाये।
मैं राष्ट्रीय अध्यक्ष होने के नाते यह बताता हूँ कि उमर अब्दुल्ला की सात पुश्तें भी कश्मीर को भारत से अलग नही करा पाएगी। उन्होंने कहा कि बालाकोट एयर स्ट्राइक के बाद पूरा देश जश्न में डूबा हुआ थाए लेकिन पाकिस्तान के अलावा कांग्रेसएसपा और बसपा खेमे में सन्नाटा पसरा हुआ था। विपक्ष आतंकवाद के मुद्दे पर पड़ोसी देश से बातचीत करने के पक्षधर हैं लेकिन मोदी सरकार की स्पष्ट रणनीति है कि पाकिस्तान की तरफ से आयी हर गोली का जवाब गोले से दिया जायेगा।
भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि सरकार किसी भी आतंकवादी संगठन से बात नहीं करेगी और अगर आतंकियों ने फिर से गलती की तो उनके परखच्चे उड़ा दिये जाएंगे। विपक्षी दलों पर वोट बैंक की राजनीति करने का आरोप लगाते हुये भारतीय जनता पार्टी अध्यक्ष अमित शाह ने कहा कि कश्मीर को लेकर जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के बयान पर कांग्रेस,समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी को अपना पक्ष स्पष्ट करना चाहिये।
शाह ने कहाकि राहुल बाबा और बुआ.भतीजा आप लोग आतंकवादियों के साथ ईलू.ईलू करो लेकिन यह मोदी सरकार है,पाकिस्तान की तरफ से अगर गोली आएगी तो इधर से गोला जाएगा। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार की तारीफ करते हुये भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि भाजपा सरकार ने प्रदेश को ष्निजाम से मुक्ति दिलाई है। निजाम का मतलब है, नसीमुद्दीन सिद्दीकी से मुक्ति, इमरान मसूद से मुक्ति, आजम खान से मुक्ति, अतीक अहमद से मुक्ति और मुख्तार अंसारी से मुक्ति।