कोलकाता, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बुधवार को एक बड़ी कार्रवाई में फर्जी कॉल सेंटरों को निशाना बनाते हुए शहर के विभिन्न स्थानों पर व्यापक तलाशी अभियान शुरू किया।
ईडी के अधिकारियों ने केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के सशस्त्र एस्कॉर्ट के साथ दो प्रमुख स्थानों पर छापेमारी की। इनमें उत्तर 24 परगना में बागुईआटी और शहर में बेनियापुकुर शामिल है।
फर्जी कॉल सेंटरों के पीछे का मास्टरमाइंड पहले ही पकड़ा जा चुका है। उसकी पहचान कुणाल गुप्ता के रूप में हुई है और वह वर्तमान में संघीय एजेंसी की हिरासत में है। नयी खुफिया सूचना पर कार्रवाई करते हुए ईडी ने अपना अभियान तेज कर दिया और शुरुआती घंटों में बागुईआटी में एक फ्लैट को निशाना बनाया और गुप्ता के परिवार के सदस्यों से पूछताछ भी की।
ईडी जांच के दायरे में आने वाले प्रमुख व्यक्तियों में से एक प्रदीप गुप्ता है जिससे वर्तमान में ईडी अधिकारी पूछताछ कर रहे हैं। सूत्र बताते हैं कि कथित वित्तीय अपराध में सैकड़ों करोड़ रुपये शामिल हैं। ईडी का दावा है कि मामले के सिलसिले में कुणाल से लगभग 100 करोड़ रुपये जब्त किए गए हैं।
चल रही जांच से इन फर्जी कॉल सेंटरों के व्यापक नेटवर्क पर शिंकजा कसी जायेगी। कॉल सेंटरों पर घरेलू और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ग्राहकों को धोखा देने का आरोप है। ईडी के प्रयासों का उद्देश्य पूरे ऑपरेशन को खत्म करना और इसमें शामिल लोगों को न्याय के कटघरे में लाना है।
जैसे-जैसे पूछताछ आगे बढ़ेगी एजेंसी को कथित फर्जी कॉल सेंटरों की ओर से किए गए वित्तीय घोटाले की गहराई को उजागर करने के लिए और अधिक सबूत इकट्ठा करने की उम्मीद है। इस मामले के घटनाक्रम का न केवल कोलकाता में बल्कि वित्तीय धोखाधड़ी की रोकथाम के व्यापक संदर्भ में भी व्यापक प्रभाव होने का अनुमान है। ईडी सच्चाई का पता लगाने और यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है कि जिम्मेदार लोगों को उनके कार्यों के लिए कानूनी परिणाम भुगतने पड़ें।