प्रयागराज, संगम नगरी प्रयागराज में दुनिया के सबसे बड़े आध्यात्मिक और सांस्कृतिक समागम माघ मेले में कोरोना के नए वेरिएंट ओमिक्रोन के बढ़ते संक्रमण और कड़ाके की ठंड पर श्रद्धालुओं की आस्था भारी पड़ रही है। माघ मेला के पहले स्नान पर्व ‘मकर संक्रांति’ पर शुक्रवार को सुबह 11 बजे तक ढाई लाख से अधिक श्रद्धालु आस्था की डुबकी लगा चुके थे। भीड़ को देखते हुए दोपहर तक पांच लाख से अधिक श्रधालुओं के स्नान करने की उम्मीद है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कोविड के खतरे को देखते हुए प्रदेश वासियों से अपील की है कि वैक्सीन की दोनो खुराक ले चुके और पूर्ण स्वस्थ्य लोग ही माघ मेला में स्नान करने आए। बुजुर्ग, बीमार एवं बच्चों को लेकर माघ मेला क्षेत्र में बिल्कुल भी प्रवेश न/न करें। उन्होने प्रयागराज प्रशासन से कोविड-19 प्रोटोकॉल का पूरी तरह से पालन कराने का निर्देश दिया है।
मेला क्षेत्र में देश के कोने कोने से आने वाली बड़ी भीड़ के बीच कोविड नियमों के अनुरूप पालन कराना मेला प्रशासन के लिए सबसे बड़ी चुनौती बनी हुई है। ड्यूटी में आए कई पुलिसकर्मी मेला शुरू होने से पहले ही कोरोना के शिकार होने के बाद आइसोलेट किए जा चुके हैं।
बावजूद इसके मकर संक्रांति स्नान से शुरू हुए करीब 46 दिनों तक चलने वाले माघ मेले में तड़के से ही दूर दराज से पहुंचे कल्पवासी और श्रद्धालुओं ने गंगा,यमुना और अदृश्य सरस्वती के पावन संगम में ‘‘ओम नम: शिवाय, हर-हर महादवे, हर-हर गंगे” का उच्चारण करते हुए आस्था की डुबकी लगाई। हाड़ कंपाने वाली लगातार बढ़ती ठंड के बावजूद श्रद्धालुओं का कारवां सिर पर गठरी, कंधे पर कमरी और हाथ में लकड़ी पकड़े खरामा-खरामा संगम की ओर बढ़ती रही।