नयी दिल्ली, मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावडेकर ने कहा है कि स्कूली बच्चों पर पाठ्यक्रम का बोझ अब आधा कर देने की योजना है ताकि उन्हें अपनी प्रतिभा को निखारने के लिए समय मिल सके। जावडेकर ने आज यहां बाल भवन में राष्ट्रीय कला मेला का उद्घाटन करते हुए कहा कि छात्रों की प्रतिभा की पहचान करने और उसे विकसित करने की जिम्मेदारी शिक्षकों की होती है।
आजकल आठवीं के बाद छात्रों पर पढ़ाई का इतना बोझ रहता है कि वे अपनी प्रतिभा को निखारने के लिए समय नही निकल पाते। इसलिए सरकार का प्रस्ताव है कि पाठ्यक्रम को आधा कर दिया जाये ताकि छात्र अपनी प्रतिभा के विकास के लिए समय निकाल सकें। उन्होंने कहा कि देश के 24 करोड़ स्कूली छात्र और कालेज के चार करोड़ छात्र हमारी संपत्ति और भविष्य हैं इसलिए उनके विकास की हमारी जिम्मेदारी है।
उन्होंने कला मेला में बच्चों के नृत्य एवं गायन की भूरी भूरी प्रशंसा की और कहा कि इन बच्चों की कला में देश की सांस्कृतिक एकता दिखाई देती है। एन सी ई आर टी के निदेशक हृषिकेश सेनापति ने बताया कि यह तीसरा कला मेला है जिसमें देश के कोने.कोने से बाल प्रतिभाएं सामने आती हैं और अपनी छिपी प्रतिभा का प्रदर्शन करती हैं। मेले में विभिन्न राज्यों के 370 छात्र भाग ले रहे हैं जिनमें कई अपनी छोटी उम्र में ही अपनी अनोखी प्रतिभा से लोगों का दिल जीत रहे हैं। वर्ष 2015 में बाल मेले की शुरुआत हुई थी।