मथुरा, जवाहर बाग हिंसा के मुख्य साजिशकर्ता रामवृक्ष यादव की जीवित और मरने की गुत्थी को अब सीबीआई सुलझाएगी। जवाहरबाग हिंसा में रामवृक्ष यादव के मारे जाने का पुलिस का दावा अदालत पहले ही ठुकरा कर डीएनए जांच के आदेश दे चुकी है।
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सेंट्रल फोरेसिंक साइंस लेबोरेटरी (सीएफएसएल), हैदराबाद ने अपनी एक रिपोर्ट से इस मामले को बेहद चौंकाने वाला बना दिया था।हैदराबाद सीएफएसएल की रिपोर्ट में पता चला कि जवाहरबाग काण्ड के मुख्य आरोपी रामवृक्ष यादव के शव का डीएनए उसके बेटे से मैच नही हो रहा है।भाजपा नेता अश्विनी उपाध्याय ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दायर करते हुए रामवृक्ष यादव तथा उसके बेटे का डीएनए मैच कराने की अपील की थी।
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जवाहरबाग हिंसा में रामवृक्ष यादव के मारे जाने का पुलिस का दावा अदालत पहले ही ठुकरा कर डीएनए जांच के आदेश दे चुकी है। जवाहरबाग में हिंसा के दौरान सत्याग्रहियों के डेरा-तंबु्ओं में लगी आग में 27 लोग मारे गए थे।
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इनमें से 22 के शव बुरी तरह जल गए थे, इनमें से एक शव की पहचान रामवृक्ष के रूप में हुई थी। सभी के नमूने फोरेंसिक टीम ने लिए थे, जो लखनऊ की लैब में हैं।
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हाल में विवेक यादव ने अपने पिता के जवाहर बाग से जीवित निकलने का दावा किया था। उसके दावे के बाद रामवृक्ष के शव की शिनाख्त करने वाला सहयोगी हरनाथ भी अपनी बात से पीछे हट गया। अब रामवृक्ष यादव की मौत लिए सीबीआइ 22 शवों के डीएनए का मिलान उसके बेटे के डीएनए से कराएगी।
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