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जानिये गुब्बारों, कबूतरों के जरिये पाकिस्तान कैसे बना रहा भारत पर मनोवैज्ञानिक दबाव

ballonजम्मू, भारतीय सेना के लक्षित हमलों के बाद जम्मू एवं पंजाब की अंतरराष्ट्रीय सीमा पर छोटे छोटे गांवों में रहने वाले लोगों को उद्वेलित करने के इरादे से पाकिस्तान एक मनोवैज्ञानिक अभियान के तहत धमकी भरे और दिगभ्रमित करने वाले संदेशों को गुब्बारों के जरिए भेजता है। सीमा की रखवाली कर रहे बल के एक अधिकारी के मुताबिक, जम्मू जिले में अरनिया सेक्टर के ट्रेवा में, दीनानगर के घेसाल गांव में और अंतरराष्ट्रीय सीमा पर पठानकोट के बमियाल सेक्टर में सिमबल चौकी पर अक्तूबर से ही इन संदेशों के साथ बैलून और कबूतर भेजे जा रहे हैं। बीएसएफ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम जाहिर नहीं करने की शर्त पर बताया, सीमावर्ती इलाकों में रहने वाले लोगों को हतोत्साहित करने और सुरक्षा बलों को भ्रमित करने के लिए यह सीमा पार के लोगों द्वारा चलाया जाने वाला एक तरह से मनोवैज्ञानिक अभियान है। एक अन्य अधिकारी ने कहा कि पाकिस्तान ऐसा इसलिए भी कर सकता है ताकि वह भारत की प्रतिक्रिया आने की अवधि जानना चाहता है।

ट्रवेरा गांव में मंगलवार को सुनील के खेत में पाकिस्तान से एक गुब्बारा आकर गिरा, जिस पर एक संदेश लिखा हुआ था, कार्य संतोषजनक ढंग से पूरा करो, हम आपको कुछ और भी भेज रहे हैं। एक पुलिस अधिकारी ने बताया, ग्रामीणों ने इसे पुलिस को सौंप दिया। इसी तरह दो अक्तूबर को एक गुब्बारा रायपुर के सीमावर्ती गांव सांबा में आकर गिरा और एक बच्चे ने उसे उठा लिया। पुलिस ने बताया कि इस पर एक संदेश लिखा था कि प्रतिशोध केवल युद्ध है, भारत।

रविवार को पठानकोट में बमियाल सेक्टर के सिमबल चौकी पर बीएसएफ के जवानों ने एक कबूतर को पकड़ा जो सीमा पार से आया हुआ था। उसके साथ उर्दू में लिखी एक चिट्ठी थी जिसमें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को संबोधित किया गया था। पुलिस ने बताया कि कागज के एक टुकड़े पर संदेश लिखा था, मोदी जी, हमें 1971 (भारत-पाक युद्ध) के काल के लोग ना समझें। अब हरेक बच्चा भारत के खिलाफ लड़ाई लड़ने के लिए तैयार है। नरोट जैमाल सिंह थाना (पठानकोट) के इंस्पेक्टर रमेश कुमार ने बताया था कि बीएसएफ को यह कबूतर उनकी चौकी के निकट मिला था। उन्होंने बताया, कबूतर को उस समय पकड़ा गया जब वह चिट्ठी लेकर आ रहा था। उन्होंने बताया कि पक्षी को पकड़ कर रखा गया है। कुमार ने बताया, हम मामले की जांच कर रहे हैं।

अंतरराष्ट्रीय सीमा के निकट घेसाल गांव में एक अक्तूबर को उर्दू में संदेश लिखे दो गुब्बारे मिले थे जिनमें कथित तौर पर प्रधानमंत्री को संबोधित किया गया था। यह वही गांव है जहां पर पिछले साल एक आतंकी हमला हुआ था। पुलिस को मिले पीले रंग के गुब्बारों पर सटे कागज के एक टुकड़े पर संदेश लिखा था। इसमें कहा गया था, मोदी जी, अयूब की तलवारें अभी हमारे पास है। इस्लाम जिंदाबाद। मंगलवार को एक ग्रामीण ने अपने घर के पास गुब्बारों को देखा और जब उसने देखा कि संदेश उर्दू में है तो उसने इसे पुलिस को सौंप दिया।

यहां भारत पाकिस्तान सीमा के निकट फतेहपुर गांव में 16 अगस्त को पाकिस्तानी झंडा लगा एक गुब्बारा मिला था जिससे नागरिक दहशत में आ गये थे। अधिकारी ने बताया, यहां फतेहपुर गांव में 14 अगस्त को पाकिस्तान का झंडा लगा हुआ एक गुब्बारा मिला। उन्होंने बताया कि हरे रंग के गुब्बारे पर मोहम्मद अली जिन्ना की एक तस्वीर लगी हुयी थी और उर्दू में एक संदेश था। जुलाई में दीनानगर के निकट झांडे चक गांव से पुलिस ने एक गुब्बारा बरामद किया था। इस पर पाकिस्तानी झंडे की एक तस्वीर लगी हुयी थी और इस पर एक संदेश मैं पाकिस्तान से प्यार करता हूं लिखा हुआ था।

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