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दीनदयाल उपाध्याय की उपलब्धियों पर उठने लगे सवाल, भाजपा मना रही जन्म शताब्दी वर्ष

 shiv-tayal-iasछत्तीसगढ़ में एक आईएएस अफसर ने बीजेपी के पितृ पुरुष पंडित दीनदयाल उपाध्याय की रीतिनीति पर उस वक्त सवाल उठाए हैं जब पूरे देश में भाजपा पंडित दीनदयाल उपाद्य्याय का जन्म शताब्दी वर्ष मना रही है.  राज्य शासन ने कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए तत्काल प्रभाव से इस आईएएस अधिकारी को मंत्रालय अटैच कर दिया है.आईएएस अधिकारी  शिव अनंत तायल वर्तमान में कांकेर के जिला पंचायत के CEO थे.

छ माह पहले  तायल की नियुक्ति कांकेर जिला पंचायत में CEO के पद पर हुई थी. छत्तीसगढ़ के आईएएस अफसर ने दीनदयाल उपाध्याय के बारे में फेसबुक पर लिखा था कि कोई तो मुझे बताए आखिर दीनदयाल उपाध्याय की उपलब्धियां क्या हैं? तायल ने आगे लिखा था कि मुझे ऐसा कोई चुनाव याद नहीं जो उन्होंने जीता हो और ना ही उनकी अपनी कोई विचारधारा रही.

फेसबुक पोस्ट में उन्होंने लिखा कि पंडित दीनदयाल उपाध्याय ने बतौर लेखक या विचारक के रूप में ऐसा कोई काम नहीं किया कि उनकी विचारधारा को समझा जा सके. वेबसाइटों में ढूंढने पर एकात्म मानवतावाद पर उनके सिर्फ चार लेक्चर मिलते है, वो भी पहले से स्थापित आइडिया थे. अपनी इस पोस्ट में इस अफसर ने बीजेपी के पितृ पुरुष की विचारधारा पर ना केवल संदेह जाहिर किया , बल्कि सवालियां निशान भी लगाए.

सोशल मीडिया में तयाल की पोस्ट का मामला गर्माते ही उन्होंने अपनी फेसबुक वॉल से पोस्ट डिलीट कर दी और फेसबुक पर माफी भी मांगी. आईएएस की पोस्ट से भाजपा संगठन और सरकार दोनों नाराज हैं.  मामला संज्ञान में आते ही राज्य सरकार ने इस आईएएस अधिकारी को मंत्रालय में अटैच कर दिया है.

 कांग्रेस ने भी पंडित दीनदयाल की उपलब्धियों पर सवाल उठाते हुए पूछा है कि आखिर आजादी की लड़ाई में उनका क्या योगदान था?छत्तीसगढ़ कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष भूपेश बघेल ने पूछा कि पहली बात तो ये कि भाजपा पंडित दीनदयाल का शताब्दी वर्ष बना रही है, जिसकी कहीं कोई चर्चा नहीं है, तो इसलिए इसे चर्चा में लाने के लिए आईएएस अधिकारी और सरकार के बीच कोई सांठगांठ है जिससे ऐसा विवाद पैदा हो और ये चर्चा में आए. दूसरी बात ये कि क्योंकि ये बात उठी है तो हम भी पूछते हैं कि उनका आजादी की लड़ाई में क्या योगदान है. सिर्फ संघ के अलावा उन्हें और कितने लोग जानते हैं?

 

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