लखनऊ, समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव अक्सर मीडिया पर उनके साथ किये जा रहे भेदभाव का आरोप लगाते रहें हैं. अखिलेश यादव की सबसे बड़ी शिकायत है कि मीडिया उनके या सपा के बारे मे सकारात्मक खबरें कम छापती है. वहीं नकारात्मक खबर या समाजवादी अांदोलन को नुकसान पहुंचाने वाली खबरें प्रमुखता से छापी जाती हैं.
अखिलेश यादव का मीडिया पर लगाया गया यह आरोप काफी हद तक सही भी हो सकता है। यूपी मे सपा सरकार जाने के बाद, प्रमुख समाचार-पत्रों के पहले पन्ने से अखिलेश यादव जैसे गायब ही हो गये हैं. यूपी मे प्रमुख विपक्षी दल समाजवादी पार्टी के होने के बावजूद किसी भी टीवी चैनल ने, 23 सितंबर को हुये सपा के राज्यस्तरीय सम्मेलन का सीधा यानि लाईव प्रसारण नही किया. उसकी जगह वह पीएम मोदी का दौरा जरूर लाईव दिखाते रहे।
लेकिन इसके साथ ही, समाजवादी पार्टी की कुछ अपनी कमियां भी हैं जो अखिलेश यादव की इमेज बिल्डिंग मे बाधक बन रहीं हैं. समाजवादी पार्टी अपने राष्ट्रीय अध्यक्ष के प्रचार- प्रसार को लेकर खुद कितनी सक्रिय है, इसका नमूना आज उस समय देखने को मिला जब दो दिन बाद, सपा प्रवक्ता को अखिलेश यादव का अखिल भारतवर्षीय यादव महासभा के राष्ट्रीय स्तर के कार्यक्रम मे भाग लेना याद आया।
इस हाईटेक युग मे, 24 सितम्बर के दोपहर के कार्यक्रम की प्रेस विज्ञप्ति सपा प्रवक्ता ने आज 26 सितम्बर को जारी की. उस पर, खास बात यह कि सपा प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी स्वयं उस कार्यक्रम मे अखिलेश यादव के साथ शामिल हुये थे.
जबकि पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर पहुंचते ही एयर पोर्ट पर पत्रकारों के साथ बातचीत मे निकली पहली खबर ही राष्ट्रीय मीडिया मे छा गई थी. अखिलेश यादव ने समाजवादी पार्टी मे परिवार वाद को समाप्त करने को लेकर बड़ा संकल्प लिया था. उन्होने कहा कि पार्टी से परिवार वाद के खात्मे के लिये अब उनकी पत्नी चुनाव नही लड़ेंगी. पर समाजवादी पार्टी की ओर से उस पर कोई संज्ञान नही लिया गया. जबकि सपा प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी स्वयं उस स्थान पर मौजूद थे. परिणाम यह रहा कि समाजवादियों के गढ़ यूपी मे भी उसे पर्याप्त कवरेज नही मिली.
उसके बाद, अखिल भारतवर्षीय यादव महासभा के राष्ट्रीय अधिवेशन को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित करते हुये समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सामाजिक न्याय के मुद्दे पर बहुत ही सारगर्भित भाषण दिया. जो दलितों, पिछड़ों, आदिवासियों और समाज के दबे कुचले, शोषित वर्ग के प्रति अखिलेश यादव की कल्याणकारी सोंच को दर्शाता है. सबसे खास बात यह रही कि रीजनल मीडिया ने उसे स्थान दिया. लेकिन अखिलेश यादव के इस कार्यक्रम और भाषण को भी सपा की की प्रेस विज्ञप्ति मे स्थान नही मिला. जबकि सपा प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी स्वयं यहां भी मौजूद थे.