बीजापुर, छत्तीसगढ़ के बीजापुर पुलिस अधीक्षक ने कहा है कि नक्सली संगठनों द्वारा नाबालिग बच्चों को अपने दल में शामिल कर उन्हें हिंसा करने का प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
पुलिस अधीक्षक आंजनेय वार्ष्णेय ने आज बताया कि नक्सली जिले के मासूम बच्चों को गुमराह कर उनसे गोला बारूद की सप्लाई करवा रहे हैं। छोटे-छोटे बच्चों को नक्सली अपने स्कूलों में ले जाते हैं, जहां उनको हिंसा करने का प्रशिक्षण दिया जाता है। नक्सली मासूम बच्चों को हिंसा के मार्ग में ढकेल रहे हैं।
उन्होंने बताया कि गुरूवार को पामेड़ थाना के जारपल्ली से पांच नक्सलियों को गिरफ्तार किया गया, जिसमें दो नाबालिग बच्चें हैं। इनके कब्जे से विस्फोटक सामग्री 100 जिलेटिन रॉड (लिक्विड बारूद), बड़ा जिलेटिन दो (प्रत्येक नग लगभग 2.78 किग्रा), धूकनी मशीन एक, बिजली वायर लगभग 35 मीटर, एक सफेद बोरी में लगभग 20 किग्रा यूरिया एवं अन्य दैनिक उपयोग की सामग्री बरामद किया गया है।
उन्होंने बताया कि इतनी बड़ी मात्रा में विस्फोटक सामग्री मिलने से पता चलता है कि नक्सली किसी बड़ी घटना को अंजाम देने के फिराक में थे। उन्होंने कहा कि नक्सली मासूम बच्चों को जवानों की रेकी करवाने का काम करवा रहे हैं। बच्चों को आईडी लगाने और ब्लास्ट करने की भी ट्रेनिंग भी नक्सलियों द्वारा दी जा रही है। उन्हें बाद में हथियार देकर मुठभेड़ों में शामिल कर लेते है। बाद में इन बच्चों को अन्य राज्यों में नक्सली घटनाओं को अंजाम देने के लिए भेज दिया जाता है।