नई दिल्ली, अगर आप मां की आराधना विधिवत तरीके से करें तो मां जरूर प्रसन्न होंगी। इतना ही नहीं अगर आपका कोई कष्ट या समस्या ओ तो उसके उद्धार के लिए भी आप मां से प्रार्थना कर सकते हैं।
राम नाम की शक्ति अपरिमित है। उनके नाम से लिखे पत्थर तैर गए। उनके द्वारा चलाया गया अमोघ बाण रामबाण अचूक कहलाया तो उनके मंत्र की शक्ति का तो कहना क्या? नवरात्रि में रामचरित मानस, वाल्मीकि रामायण, सुंदरकांड आदि के अनुष्ठान की परंपरा रही है। मंत्रों का जाप भी किया जाता है। उन्हें या उनमें से किसी एक के करने पर इच्छापूर्ति नि:संदेह पूर्ण होगी।
इसके लिए आज यहां कुछ मंत्र बता रहे हैं जिन्हें आप नौ दिन रोज करें और मां के सामने अपनी समस्या को रखें। सच्चे और निर्मल मन मां के ये मंत्र का जाप करें और कोशिश करें कि कम से कम 11 या 21 बार इन मंत्र को अपनी समस्याओं के अनुसार पढ़ें।
‘राम’ यह मंत्र अपने आप में पूर्ण है तथा शुचि-अशुचि अवस्था में भी जपा जा सकता है। यह तारक मंत्र कहलाता है।
‘रां रामाय नम:’ सकाम जपा जाने वाला यह मंत्र राज्य, लक्ष्मी पुत्र, आरोग्य व विपत्ति नाश के लिए प्रसिद्ध है।
‘ॐ रामचंद्राय नम:’ क्लेश दूर करने के लिए प्रभावी मंत्र है।
‘ॐ रामभद्राय नम:’ कार्य की बाधा दूर करने के लिए अवश्व प्रभावी है।
‘ॐ जानकी वल्लभाय स्वाहा’ प्रभु कृपा प्राप्त करने व मनोकामना पूर्ति के लिए जपने योग्य है।
‘ॐ नमो भगवते रामचंद्राय’ विपत्ति-आपत्ति के निवारण के लिए जपा जाता है।
‘श्रीराम जय राम, जय-जय राम’ इस मंत्र का कोई सानी नही है। शुचि-अशुचि अवस्था में जपने योग्य है।
श्रीराम गायत्री मंत्र ‘ॐ दशरथाय नम: विद्महे सीता वल्लभाय धीमहि तन्नो राम: प्रचोदयात्।‘ यह मंत्र समस्त संकटों का शमन करने वाला तथा ऋद्धि-सिद्धि देने वाला माना गया है।
‘ॐ नम: शिवाय’, ‘ॐ हं हनुमते श्री रामचंद्राय नम:।’ यह मंत्र एकसाथ कई कार्य करता है। स्त्रियां भी जप सकती हैं।
‘ॐ रामाय धनुष्पाणये स्वाहा:’ शत्रु शमन, न्यायालय, मुकदमे आदि की समस्या से मुक्ति हेतु प्रशस्त है।