नई दिल्ली, नोटबंदी से अर्थव्यवस्था में पहले से नकदी के रूप में मौजूद काला धन भले ही समाप्त हो जाए, लेकिन यह उस काला धन को समाप्त नहीं कर सकता, जिसे सोने या रियल एस्टेट जैसी संपत्तियों में बदल लिया गया है।
यह बात प्रमुख उद्योग संघ एसोचैम ने मंगलवार को कही। एसोचैम ने काला धन खत्म करने के लिए संपत्ति पर स्टांप शुल्क कम करने जैसे कदमों का सुझाव दिया। एसोचैम के एक अध्ययन में कहा गया है कि नोटबंदी से मौजूदा काला धन खत्म हो सकता है, लेकिन भविष्य में काला धन बनने की प्रक्रिया नहीं रोकी जा सकती है। प्रक्रिया पर रोक लगाने के लिए और सुधार करने होंगे, जैसे, संपत्ति की खरीद-बिक्री पर स्टांप शुल्क कम करना, रियल एस्टेट का इलेक्ट्रॉनिक पंजीकरण आदि। अध्ययन में यह भी कहा गया है कि चलन से हटाए गए अधिकतर नोट सही या गलत तरीके से बैंकिंग प्रणाली में पहुंचने के संकेतों से तो यही पता चलता है कि नोटबंदी से शायद पुराने काले धन को भी खत्म नहीं किया जा सकता है। अध्ययन में कहा गया है कि काला धन और सफेद धन को अलग कर पाना कठिन है। सफेद धन के भुगतान के बाद यदि विक्रेता बिक्री कर नहीं देता है, तो वही धन काला हो जाता है। दूसरी ओर बड़े पैमाने पर काले धन से होने वाला भुगतान विक्रेता के हाथ में जाकर वैध हो सकता है। इसलिए आखिरकार काले धन के स्रोत को ही बंद करना होगा।