नई दिल्ली, राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने शनिवार को पांच वर्ष से कम उम्र के बच्चों को पोलियो खुराक पिलाई और इसके साथ ही 2017 के लिए पल्स पोलियो अभियान की शुरुआत की। पड़ोसी देश पाकिस्तान और अफगानिस्तान में पोलियो के मामले सामने आने की वजह से भारत में इस वायरस का खतरा बना हुआ है।
राष्ट्रीय प्रतिरक्षण दिवस के मौके पर राष्ट्रपति मुखर्जी ने केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री जे.पी.नड्डा और स्वास्थ्य राज्य मंत्रियों फग्गन सिंह कुलस्ते और अनुप्रिया पटेल की उपस्थिति में इस अभियान की शुरुआत की। देश भर में पांच वर्ष से कम आयु के लगभग 17 करोड़ बच्चों को देश से पोलियो उन्मूलन के अभियान के एक हिस्से के रूप में पोलियो खुराक पिलाई जाएगी। इस अवसर पर केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री जे.पी.नड्डा ने कहा कि 27 मार्च, 2014 को भारत समेत विश्व स्वास्थ्य संगठन के समस्त दक्षिण पूर्व एशिया क्षेत्र का पोलियो मुक्त प्रमाणीकरण जन्म स्वास्थ्य के इतिहास में एक बहुत बड़ी उपलब्धि है। उन्होंने कहा, शेष तीन देशों (पाकिस्तान, अफगानिस्तान एवं नाइजीरिया) से वायरस का जोखिम अभी भी बना हुआ है, जहां पोलियो वायरस अभी भी संचारी है। अभी भी देश में आबादी प्रतिरक्षण एवं संवेदनशील निगरानी बनाए जाने की जरूरत है जब तक कि दुनिया भर से पोलियो का उन्मूलन नहीं हो जाता।
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा, हम भारत के साथ लगी अंतर्राष्ट्रीय सीमाओं पर सतत रूप से पोलियो टीकाकरण चला रहे हैं। भारत और आठ अन्य देशों के बीच यात्रा करने वाले सभी पर्यटकों का टीकाकरण करने संबंधी एक यात्रा परामर्शदात्री भी जारी किया गया है। इसके अतिरिक्त एक आपातकालीन तैयारी एवं अनुक्रिया योजना (ईपीआरपी) भी बनाई गई है, जिसके तहत पोलियो वायरस के आने की किसी भी स्थिति से त्वरित रूप से निपटने के लिए सभी राज्यों/संघ शासित प्रदेशों में रैपिड रेस्पोंस टीमों (आरआरटी) का गठन किया गया है। नड्डा ने कहा कि अपने बच्चों को दोहरी सुरक्षा प्रदान करने के लिए भारत सरकार ने अपने नियमित प्रतिरक्षण कार्यक्रम में इनजेक्टेबल इनएक्टिवेटिड वैक्सीन (आईपीबी) भी लागू किया है।
नड्डा ने कहा कि हाल के एसआरएस आकलनों के अनुसार, भारत में पांच वर्ष से कम आयु की मृत्यु दर में कमी आई है और यह 2005 के 1000 में 75 की तुलना में घटकर 2014 में 1000 में 45 तक आ गई है। उन्होंने कहा, प्रतिरक्षण देश में शिशु मौतों को कम करने में एक प्रमुख युक्ति रही है। देश में प्रतिरक्षण के दायरे को विस्तारित करने के लिए पिछले वर्ष यूआईपी के एक हिस्से के रूप में रोटावायरस वायरस टीका प्रयुक्त किया गया है और मंत्रालय जल्द ही न्यूमोकोशल कंज्यूगेट टीका प्रस्तुत करने वाला है जो डायरिया, निमोनिया और मेनिनजाइटिस में कमी लाने में सहायता करेगा।