मुंबई,अमेरिकी फेड रिजर्व के जारी मिनट्स में ब्याज दर में आगे भी बढ़ोतरी करने के संकेत से हुई भारी बिकवाली के दबाव में बीते सप्ताह डेढ़ प्रतिशत लुढ़के घरेलू शेयर बाजार की अगले सप्ताह चाल निर्धारित करने में वैश्विक रुख के साथ ही दिसंबर की खुदरा महंगाई और कंपनियों के तिमाही परिणाम के आंकड़ों की महत्वपूर्ण भूमिका होगी।
बीते सप्ताह बीएसई का तीस शेयरों वाला संवेदी सूचकांक सेंसेक्स 940.37 अंक अर्थात 1.55 प्रतिशत की गिरावट लेकर सप्ताहांत पर दो सप्ताह के निचले स्तर 60 हजार अंक के मनोवैज्ञानिक स्तर से नीचे 59900.37 अंक पर आ गया। इसी तरह नेशनल स्टॉक एक्सचेज (एनएसई) का निफ्टी 245.85 अंक यानी 1.36 प्रतिशत का गोता लगाकर 18 हजार अंक के मनोवैज्ञानिक स्तर से नीचे 17859.45 अंक पर रहा।
समीक्षाधीन सप्ताह में बीएसई की दिग्गज कंपनियों की तरह मझौली और छोटी कंपनियों में भी बिकवाली हुई। इससे मिडकैप 147.79 अंक टूटकर सप्ताहांत पर 25166.71 अंक और स्मॉलकैप 143.23 अंक की गिरावट लेकर 28783.56 अंक पर आ गया।
विश्लेषकों के अनुसार, बीते सप्ताह अमेरिकी केंद्रीय बैंक की ओपन मार्केट कमेटी की पिछले वर्ष दिसंबर में हुई माैद्रिक नीति समीक्षा बैठक के मिनट्स जारी हुए। इसमें भी महंगाई को नियंत्रित करने को प्राथमिकता दी गई और इसके लिए ब्याज दरों में उसने आगे भी बढ़ोतरी किये जाने के संकेत दिये। इससे बाजार में उतार-चढ़ाव रहा और अगले सप्ताह भी इसका प्रभाव देखा जा सकेगा।
इसके अलावा स्थानीय स्तर पर अगले सप्ताह दिसंबर महीने की खुदरा महंगाई के आंकड़े जारी होने वाले हैं। साथ ही टीसीएस, एचसीएल टेक, इंफोसिस और विप्रो जैसी दिग्गज कंपनियों के चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही के परिणाम भी आएंगे। अगले सप्ताह बाजार की दिशा निर्धारित करने में इन कारकों की महत्वपूर्ण भूमिका रहेगी।
साथ ही कच्चे तेल की कीमतों में उतार-चढ़ाव और डॉलर सूचकांक भी अगले सप्ताह बाजार की दिशा निर्धारित करने वाले अन्य महत्वपूर्ण कारक होंगे। साथ ही विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) के निवेश प्रवाह पर भी बाजार की नजर रहेगी। एफआईआई दिसंबर की तरह नये साल के जनवरी में भी अबतक लगातार बिकवाली कर रहे हैं। हालांकि घरेलू संस्थागत निवेशकों (डीआईआई) का रुखा लगातार सकारात्मक बना हुआ है।
एफआईआई ने जनवरी में अबतक कुल 20,097.37 करोड़ रुपये की लिवाली जबकि कुल 27,910.81 करोड़ रुपये की बिकवाली की है। उन्होंने बाजार से 7,813.44 करोड़ रुपये निकाल लिए। हालांकि, इस अवधि में डीआईआई की निवेश धारणा मजबूत रही है। उन्होंने बाजार में कुल 29,042.07 करोड़ रुपये का निवेश किया जबकि 26,285.49 करोड़ रुपये निकाल लिए, जिससे वह 2,756.58 करोड़ रुपये के लिवाल रहे।