नई दिल्ली, मायावती के करीबी और बसपा के पूर्व सांसद ब्रजेश पाठक सोमवार को भाजपा में शामिल हो गए। उन्होंने भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह और केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन राज्य मंत्री महेश शर्मा की उपस्थिति में पार्टी की सदस्यता ग्रहण की। पाठक ने भाजपा ज्वॉइन करने के बाद कहा कि जो पार्टी आदेश देगी, वहीं करूंगा। पाठक ने कहा कि यूपी को विकास ही बचा सकता है और वे उत्तर प्रदेश को बचाने के लिए भाजपा के साथ आए हैं।
ब्रजेश पाठक के भाजपा ज्वाइन करने से बसपा के सोशल इंजिनियरिंग पर असर पड़ना तय है। बसपा के दलित-ब्राह्मण गठजोड़ को एक और बड़ा झटका लगा है। अभी कुछ दिन पूर्व ही कुछ ब्राहमण विधायकों ने भाजपा छोड़ी थी।ब्रजेश पाठक मायावती की बड़ी रैलियों के मीडिया संयोजक हुअा करते थे। पाठक के पार्टी से बाहर होने से बसपा सुप्रीमो मायावती के चुनाव अभियान को झटका लगेगा।
ब्रजेश के पिछले महीने भी पार्टी छोड़ने की खबरें आई थीं, लेकिन बाद में पाठक ने इन्हें अफवाह करार दिया था। चौंकाने वाली बात यह है कि रविवार को आगरा में हुई मायावती की रैली में ब्रजेश मौजूद थे। सूत्रों के मुताबिक बीएसपी के 3-4 विधायक और टूट सकते हैं।
ब्रजेश पाठक बीएसपी से उन्नाव के सांसद रह चुके हैं। इसके अलावा वह पार्टी की ओर से राज्यसभा के सदस्य भी रह चुके हैं। बीएसपी में बड़ी भूमिका निभाने वाले ब्रजेश के पार्टी छोड़ने का बसपा की सोशल इंजिनियरिंग पर असर पड़ना तय है। स्वामी प्रसाद मौर्य, आर. के. चौधरी जैसे बड़े नेता पहले ही बसपा छोड़ चुके हैं। इससे पहले पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने के आरोप में पूर्व सांसद ब्रजेश पाठक बीएसपी से बर्खास्त कर दिया गया था। ब्रजेश पाठक ने नई दिल्ली में भाजपा मुख्यालय में पार्टी अध्यक्ष अमित शाह की मौजूदगी में भाजपा की सदस्यता ली।
सूत्रों के अनुसार ब्रजेश को मायावती से राज्यसभा सदस्यता की उम्मीद थी, लेकिन मायावती ने उन्हें उम्मीदवार नहीं बनाया। भाजपा को ब्रजेश पाठक के आने से उन्नाव क्षेत्र में फायदा होने की उम्मीद है। ब्रजेश पाठक इस क्षेत्र के बड़े नाम हैं और यहां के क्षेत्र की जनता पर उनकी अच्छी पकड़ बताई जा रही है।
हरदोई के रहने वाले ब्रजेश पाठक 2004 में उन्नाव सीट से सांसद रह चुके हैं। लखनऊ विश्वविद्यालय से एलएलबी की डिग्री प्राप्त ब्रजेश पाठक के पास आज से दशक भर पूर्व ही डेढ़ करोड़ से अधिक की संपत्ति घोषित हुई थी। भाजपा अपने साथ इन नेताओं को जोड़कर मिशन 2017 की तैयारी में लगी हुई है। इससे पहले बसपा के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य बहुजन समाज पार्टी छोड़कर भाजपा में शामिल हो चुके हैं।