इलाहाबाद, इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने कुख्यात अपराधी मुन्ना बजरंगी हत्या की जांच केन्द्रीय जांच ब्यूरों से कराने की याचिका बुधवार को खारिज कर दी।
गत नौ जुलाई को बागपत जिला जेल में अपराधी मुन्ना बजरंगी की गोली मारकर हत्या कर दी गयी थी। इस मामले में उसके परिवार की ओर से एक याचिका इलाहाबाद उच्च न्यायालय में दाखिल की गयी थी। याचिका में परिवार को मुआवजा देने और हत्या की जांच सीबीअाई सेे कराने की मांग की थी।
न्यायालय की एकल पीठ नेे तकनीकी कारणों से याचिका बुधवार को खारिच कर दी। न्यायाधीश ने याचिका को दाे न्यायाधीशों की खंडपीठ में स्नानान्तरित करने से इन्कार कर दिया। हालांकि इससे पहले याचिकाकर्ता को न्यायालय ने खंडपीठ में एक अलग से याचिका दायर करने की अनुमति दी थी।
न्यायाधीश एस डी सिंह ने याचिकाकर्ता के वकील स्वाती अग्रवाल की दलीलों को सुनने के बाद यह फैसला दिया। याचिका में न्यायालय से इस मामले की जांच सीबीआई से कराये जाने तथा उसके परिवार को मुआवजा दिलाने का अनुरोध किया था। न्यायालय के फैसले के बाद याचिकाकर्ता के वकील स्वाती अग्रवाल ने पत्रकारों को बताया इस मामले में सोमवार को दो न्यायाधीशों की खंडपीठ में याचिका दाखिल की जायेगी।
वकील ने बताया कि मुन्ना बजरंगी ने गत 16 मई को उच्च न्यायालय में एक याचिका दाखिल करके कहा था कि उसकी जान को खतरा है। गत नौ जुलाई को बागपत जेल के भीतर उसकी गोली मारकर हत्या कर दी। इस मामले में केवल सीबीआई जांच से ही पता चल सकता है कि जेल के अन्दर हथियार कैसे पहुंचे और इसमें किन किन लोगों का हाथ था।