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मेनका गांधी की मांग- खत्म हो डिग्री में पिता के नाम की अनिवार्यता

नई दिल्ली,  केंद्रीय महिला एवं बाल कल्याण मंत्री मेनका गांधी अकेली माताओं के दर्द को सांझा करने के लिए एक बार फिर आगे आई है। उन्होंने मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर को पत्र लिखकर उनसे उस नियम में बदलाव करने को कहा है जिसके तहत छात्र के डिग्री सर्टिफिकेट में पिता के नाम का उल्लेख अनिवार्य है।

केंद्रीय मंत्री ने नियमों में संशोधन कर इस समस्या का हल निकालने का अनुरोध किया है। जावड़ेकर को लिखे पत्र में मेनका का कहना है कि पति से अलग रह रही कई महिलाओं ने मुझसे संपर्क किया है। उन्हें पति के नाम के बगैर अपने बच्चे का डिग्री प्रमाण पत्र हासिल करने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि हमें अकेली मां के दर्द को समझना होगा। उनकी समस्याओं का समाधान करने के लिए नियमों में बदलाव करना वक्त की मांग है।

पासपोर्ट नियमों में भी हुआ था संशोधन पिछले वर्ष दिसंबर 2016 में भी मेनका गांधी की पहल पर ही विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने पासपोर्ट आवेदन पत्र पर पिता के नाम की अनिवार्यता खत्म की। सुषमा के निर्देश पर विदेश मंत्रालय ने पासपोर्ट नियमों में संशोधन कर आवेदन पत्र पर माता अथवा पिता में से किसी एक का नाम होने का प्रावधान किया। इसके लिए मेनका गांधी ने अकेली मां प्रियंका गुप्ता की उस ऑनलाइन याचिका का संज्ञान लिया था, जिसमें पासपोर्ट आवेदन पत्र से पिता के नाम की अनिवार्यता खत्म करने का आग्रह किया गया था।