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योग और इसके लाभ से खुद को रोज नई ताजगी दीजिए….

योग व्यायाम का एक रूप भर नहीं है बल्कि अपने आप में यह एक संपूर्ण जीवनशैली है। यह शारीरिक, आध्यात्मिक और मानसिक व्यवहार का एक रूप भर है और पाया गया है कि इसके जोरदार लाभ हैं। योग से आज की तारीख में बहुत सारे लोगों का जीवन प्रभावित हुआ है। रोज योग करने वाले व्यक्ति की दीर्घ अवधि में भी लाभ होता है। यह व्यायाम का एक रूप है जो लोगों को अपना वजन कम करने और वजन बढ़ाने के साथ ऊंचाई बढ़ाने, शरीर और मन को संतुलित बनाने तथा लोगों को शारीरिक और मनोवैज्ञानिक गड़बड़ियों के शिकार लोगों की भी सहायता करता है।

योग में भिन्न किस्म के व्यायाम शामिल हैं। इनमें सांस लेने के व्यायाम जैसे अनुलोम विलोम शामिल है। इससे हम सांस लेने की अपनी शैली को संतुलित करना सीखते हैं और देखा गया है कि सांस से संबंधित गड़बड़ी वाले लोगों को इससे लाभ होता है। यही नहीं, योग में कई आसान हैं जो लोगों को शरीर में स्ट्रेचेबिलिटी लाने में सहायक हैं। “पद्मासन” जैसे आसन के बारे में जाना जाता है कि यह गरुओं द्वारा किया जा सकता है।

योग एक पुराना कला रूप है और इसकी शुरुआत भारत से हुई थी। लंबे समय से यह जाना जाता है कि “ऋषि-मुनि” योग करते थे। आध्यात्मिक तौर पर देखा गया है कि योग करने वाले मन की शांति का सातवां स्तर हासिल कर लेते हैं और इसमें “मोक्ष” तथा “समाधि” शामिल है।

प्रौद्योगिकी के विकास और भूमंडलीकरण के साथ लोगों ने अपनी जीवनशैली बदल ली है और इसे बेहद खराब कर लिया है। इसलिए, व्यक्ति के जीवन में व्यायाम अभिन्न हिस्सा बन गया है। योग सिर्फ व्यायाम करना नहीं है बल्कि जीवन आराम से जीना है।

किशोरों को रोज 150 मिनट तक काम करना चाहिए और इसमें ठीक-ठाक से लेकर गंभीर व्यायाम तक शामिल है। इसी तरह, बुजुर्गों को 60 मिनट यानी एक घंटे व्यायाम करना चाहिए। और यह निम्न तथा ठीक-ठाक होना चाहिए।

योग के बारे में देखा गया है कि यह गर्भवती और दूध पिलाने वाली मांओं के लिए फायदेमंद है। उनसे उम्मीद की जाती है कि वे नियमित रूप से 15-20 मिनट का वर्क आउट करें और इसमें ज्यादातर चलने तथा सांस लेने का व्यायाम है जो योग के तहत आता है।

बढ़ते जोखिम :

  • हाल के अध्ययनों से यह देखा गया है कि बचपन का मोटापा एक बढ़ता जोखिम है जिसका सामना आज ज्यादातर विकासशील देश कर रहे हैं। इनमें भारत शामिल है और इसके साथ कई देशों ने योग को अपने पाठ्यक्रम के रूप में अपना लिया है।

  • कम समय में ज्यादा पैसे कमाने की चाहत ने वयस्कों के काम के समय को अस्त-व्यस्त कर दिया है और भविष्य में उनके स्वास्थ्य पर इसका क्या असर होगा इसका अंदाजा इस तथ्य से लग सकता। इसीलिए ऐसे लोगों के लिए व्यायाम और योग को संशोधित किया गया है ताकि वे खुद को ताजगी देने में कुछ समय गुजार सकें।

  • दो दशक पहले जीवन आसान था। तब भोजन पौष्टिक होता था और पर्यावरण साफ। आज बुजुर्ग भी स्वास्थ्य के लिहाज से भारी जोखिम में हैं, उनका स्वास्थ्य भी खराब हो रहा है। और जीवन की अवधि कम होकर सिर्फ 65-70 साल रह गई है। योग से संबंधित सबसे अच्छी बात यह है कि इसे करने के लिए आयु का कोई प्रतिबंध नहीं है। बुजुर्ग भी इसे कर सकते हैं।

  • स्वास्थ्य ठीक करके वापस गेम शुरू करने के लिहाज से कोई भी समय बहुत लेट नहीं है। पृथ्वी पर रहने वाले प्रत्येक व्यक्ति के लिए योग और व्यायाम के कई लाभ है।

लाभ :

  • योग से शरीर का काम-काज बेहतर होता है क्योंकि यह कार्डियोवस्कुलर सिस्टम, रेसपायरेट्री (सांस लेने की प्रणाली), नर्वस सिस्टम, पाचन प्रणाली और पेशाब से संबंधित प्रणाली को ठीक करने में सहायता करता है।

  • व्यायाम से जीवनशैली से संबंधित बीमारियों जैसे डायबिटीज, हाइपर टेंशन और अवसाद आदि का जोखिम कम होता है।

  • योग और व्यायाम का लाभ लंबे समय में भी मिलता है। खिलाड़ियों का उदाहरण हमारे सामने है। इनकी तुलना उसी आयु के किसी सामान्य व्यक्ति से कीजिए। आप शारीरिक रूप से सक्रिय और आरामतलब व्यक्ति के शरीर के अंतर पहचान सकते हैं।

  • इससे शरीर को बढ़िया बनाने में मदद मिलती है। इससे आत्म विश्वास बनाने में भी सहायता मिलती है।

अनुसंधान करने वालों ने पाया है कि व्यायाम से लोगों का जीवन बढ़ा है और यह 85 साल तक है। यही नहीं, लोग आत्म निर्भर जीवन जी रहे हैं। व्यायाम और योग के कई फायदे हैं – तभी जब ये नियमित आधार पर किए जाएं। व्यायाम और योग के बाद लोग खुश और स्वस्थ होने का दावा करते हैं। इससे साबित होता है कि ऐसा करने वाले अपने परिवार के सदस्यों को भी खुशनुमा माहौल देते हैं।

श्री सतकाम दिव्या,सीईओ,क्लीनिक ऐप्प