नयी दिल्ली, राष्ट्रीय महिला आयोग (एन सी डब्ल्यू) ने सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय से प्रिंट, प्रकाशन और प्रोडक्शन हाउसों को यह निर्देश देने का आग्रह किया है कि वे कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न की शिकायतों की जांच के लिए एक आंतरिक समिति का गठन करें। आयोग के एक अधिकारी ने कहा कि पिछले कुछ दिनों में महिला अधिकार इकाई को प्रिंट और डिजिटल मीडिया संगठनों … दोनों ही जगह कार्यस्थलों पर यौन उत्पीड़न की कई शिकायतें मिली हैं।
अधिकारी ने कहा, ‘‘हमने सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के सचिव को सूचित किया है कि एन सी डब्ल्यू को इस तरह की कई शिकायतें मिली हैं। उन्होंने कहा कि आयोग ने सचिव से यह सुनिश्चित करने के लिए निर्देश देने का आग्रह किया है कि प्रिंटिंग/प्रकाशन हाउस, टी वी कार्यक्रमों और फिल्म निर्माण से जुड़े प्रोडक्शन हाउस इस तरह की शिकायतों के समाधान के लिए कार्यस्थल पर महिलाओं के यौन उत्पीड़न (रोकथाम, निषेध और निवारण) अधिनियम, 2013 के अनुरूप आंतरिक समितियों के गठन सहित प्रभावी तंत्र स्थापित करें।
एन सी डब्ल्यू ने कहा कि इस तरह के अपराधों को अंजाम देने वालों को कानून के अनुरूप दंडित किए जाने की आवश्यकता है। आयोग ने हाल में कहा था कि उसे कार्यस्थलों पर यौन उत्पीड़न के बारे में विभिन्न महिलाओं से शिकायतें मिली हैं। इसने इस तरह की शिकायतें प्राप्त करने के लिए एक ई-मेल भी जारी किया था और सोशल मीडिया तथा अन्य मंचों पर सामने आई महिलाओं से आग्रह किया था कि वे ncw.metoo@gmail.com. पर अपनी औपचारिक लिखित शिकायतें भेजें। महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गांधी ने राष्ट्रीय महिला आयोग से कहा था कि वह ‘मी टू’ मुहिम के तहत मिली शिकायतों पर तेजी से जांच करे।