नयी दिल्ली, राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू ने शनिवार को कहा कि भारत और जर्मनी वैश्विक चुनौतियों से निपटने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।
राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू ने यहां जर्मनी के चांसलर ओलाफ स्कोल्ज के साथ बैठक में यह बात कही।
भारत की पहली यात्रा पर आये श्री स्कोल्ज़ ने आज राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू से मुलाकात की। दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय संबंधों के विभिन्न पक्षों पर चर्चा की।
इस अवसर पर राष्ट्रपति ने कहा कि लोकतांत्रिक मूल्यों, नियमों पर आधारित अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था एवं बहुपक्षवाद के साथ ही बहुपक्षीय संस्थानों में सुधार को बनाए रखने में भारत और जर्मनी के साझा उद्देश्य हैं। दोनों देश जीवंत और बहुलवादी लोकतंत्रों के रूप में नयी उभरती वैश्विक चुनौतियों से निपटने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।
श्री स्कोल्ज़ का स्वागत करते हुए सुश्री मुर्मू ने कहा कि भारत और जर्मनी के बीच संबंध पुराने तथा परस्पर साझा मूल्यों और लक्ष्यों पर आधारित हैं। उन्होंने कहा , “ हमारे द्विपक्षीय संबंधों में व्यापक स्तर पर विभिन्न क्षेत्र शामिल हैं, जो उस आपसी विश्वास को दर्शाते हैं, जिसे दशकों से पोषित-पल्लवित किया गया है।”
राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू ने कहा कि जर्मनी, यूरोप में भारत का सबसे बड़ा व्यापार भागीदार है और भारत के शीर्ष निवेशकों में भी शामिल है। हाल के वर्षों में, जर्मनी उच्च शिक्षा, विशेष रूप से विज्ञान और प्रौद्योगिकी में आगे बढ़ने के इच्छुक भारतीय छात्रों और शोधकर्ताओं के लिए, के एक पसंदीदा गंतव्य के रूप में उभरा है। उन्होंने यह भी कहा कि दोनों देशों के बीच मजबूत सांस्कृतिक संबंध हैं तथा भारत पर काम कर रहे जर्मनी के भारतविदों की एक लंबी परंपरा रही है।